Pitru Paksha mei Tulsi ke Upay in Hindi: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण किया जाता है, जो पूरे 16 दिनों तक किया जाता है.  


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बता दें कि, पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि यानी 28 सितंबर से शुरू होगा और समापन 14 अक्टूबर 2023 को अश्विन माह की अमावस्या तिथि को होगा. शास्त्रों में बताया गया है कि श्राद्ध के दौरान हमें कई ऐसे संकेत मिलते हैं, जिनसे यह मालूम होता है कि पितर नाराज है. तो चलिए जानते हैं ऐसे में किन उपायों को करना शुभ होगा. 


पितृदोष होने पर मिलते हैं ऐसे संकेत-   


- यदि हमारे पितर हमसे नाराज होते हैं तो कई सारी दुविधाओं का सामना करना पड़ता है.  पितृदोष होने पर लाख कोशिशों के बावजूद भी शुभ फलों की प्राप्ति नहीं होती है. 


- व्यक्ति हमेशा तनाव में रहता है और उसके कार्यों में बाधा बनी रहती है और परेशानियों से हमेशा घिरा रहता है. 


-  पितृदोष होने पर बुरे सपने आते हैं और सपनों में पूर्वज दिखाई देते हैं, पितृदोष होने की वजह से संतान प्राप्ति की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. 


-  पितरों के नाराज होने पर वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अक्सर परिवार के सदस्यों की विवाह में देरी हो सकती है. 


 तुलसी के उपाय- 


शिवपुराण के अनुसार, श्राद्ध के दिनों में तुलसी के गमले के पास 1 कटोरी रख दें. अपनी हथेली में गंगा जल लेकर 5 या 7 बार अपने पितरों के नाम का ध्यान करें.  इसके बाद भगवान शिव का नाम लेकर गंगाजल छोड़ दें और पितरों का ध्यान करें. बाद में इस जल को किसी अन्य पौधे में डाल दें. ऐसा करने से पितरों के तर्पण और पिंडदान के बराबर फल मिलता है और घर में सकारात्मकता बनी रहता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)