Shani Dev 9 Vehicle Name and Significance in Hindi: शनिवार का दिन शनि देव का माना जाता है. शास्त्रों में शनि देव को न्याय का देवता और कर्मफलदाता माना गया है. कहा गया है कि शनि देव कर्मों के अनुरूप ही भक्तों को फल देते हैं. हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं के वाहन हैं, जैसे- मां दुर्गा का वाहन सिंह, भगवान विष्णु का गरुड़, गणेश जी का वाहन मूषक, देवी सरस्वती का वाहन हंस है. ठीक इसी प्रकार शनि देव का वाहन कौआ है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनि देव का एक नहीं बल्कि 9 अलग-अलग वाहन हैं.


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मुख्य रूप से शनि देव को कौआ पर सवार देखा जाता है. इसलिए उनका एक मुख्य वाहन कौआ माना जाता है. शास्त्रों में भी शनि देव के 9 वाहनों के बारे में बताया गया है. किसी जातक की कुंडली, नक्षत्र, वार और तिथि की गणना के बाद ही यह पता लगाया जाता है कि, किस व्यक्ति की राशि में शनि देव किस वाहन के साथ गोचर करने वाले हैं और कौन सा वाहन आपके लिए शुभ या अशुभ हो सकता है. आइए इस लेख में जानते हैं शनि देव के 9 अलग-अलग वाहनों के बारे में और जुड़े रहस्य और महत्व.


वाहन कौआ: शनि देव का कौआ पर सवार होना अशुभ माना गया है. यह क्लेश का कारण बन सकता है. इससे घर-गृहस्थी की शांति भंग हो सकती है और जीवन में कठिनाईयों का सामना भी करना पड़ता है.


वाहन हंस: हिंदू धर्म में हंस को भी शुभ माना गया है. इसलिए शनि देव का हंस पर सवार होना इस बात का प्रतीक है कि व्यक्ति के जीवन में शुभता और भाग्य में बढ़ोतरी होने वाली है.


वाहन सिंह: सिंह को साहस, पराक्रम और समझदारी का सूचक माना जाता है. वैसे तो सिंह को माता दुर्गा का वाहन जाता है लेकिन यह शनिदेव का भी वाहन माना गया है. इसलिए जब शनि देव सिंह पर सवार होते हैं तो इसे शुभ माना जाता है. इससे जातक को शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होती है.


वाहन गधा: गधा को मेहनत के लिए जाना जाता है. लेकिन फिर भी उसे कभी भी इसके लिए प्रोत्साहन नहीं मिलता. जब शनि देव का वाहन गधा होता है तो, इसका मतलब यह है कि किसी लक्ष्य की प्राप्ति या सफलता के लिए व्यक्ति को खूब मेहनत करने की जरूरत है. ज्योतिष के अनुसार शनि देव का गधा पर सवार होना अशुभ माना गया है.


वाहन घोड़ा: घोड़ा भी शनि देव का वाहन है. घोड़े को शक्ति का प्रतीक माना गया है. घोड़े की सेवा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव का वाहन घोड़ा हो तो शुभ फल मिलते हैं.


वाहन हाथी: हाथी पराक्रमी और सूझबूझ का प्रतीक होता है. लेकिन शनि देव का हाथी पर सवार होना अशुभ माना गया है. क्योंकि हाथी कभी-कभी उग्र भी जाता है. शनि देव का हाथी पर सवार होना इस बात को दर्शाता है कि व्यक्ति को अपने स्वभाव में विनम्रता लाने और शांत रहने की जरूरत है.


वाहन भैंस: शनि देव यदि भैंस पर सवार हो तो इसका अर्थ यह है कि व्यक्ति को मिला-जुला परिणाम मिलेगा. क्योंकि भैंस भले ही ताकतवर होते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी वो डरे-डरे से रहते हैं.


वाहन सियार: सियार पर शनि देव का सवार होना भी शुभ नहीं होता है. यदि किसी जातक की कुंडली राशि में शनि देव सियार पर सवार हैं तो इसका अर्थ यह है कि व्यक्ति को दूसरों पर आश्रित होना पड़ सकता है.


वाहन गिद्ध या कुत्ता: कुत्ते या गिद्ध पर शनि देव का सवार होना भी अशुभ ही माना जाता है. इससे व्यक्ति को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. वहीं शारीरिक कठिनाईंया भी झेलनी पड़ सकती है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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