Surya Grahan Kab Hai: वैदिक ज्योतिष और विज्ञान में सूर्य ग्रहण को अलग-अलग घटनाओं के तौर पर देखा जाता है. विज्ञान में जहां ग्रहण महज एक खगोलीय घटना है. वहीं, भारतीय ज्योतिष शास्त्र में इसके व्यापक मायने हैं. इसका समस्त मानव जीवन पर गहरा असर पड़ता है. साल 2023 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगने जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण पर किए जाने वाले कुछ विशेष उपायों के बारे में बताया गया है. इनको करने से किस्मत साथ देने लगती है और करियर में जबरदस्त तरक्की होती है. 


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साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. ऐसे में यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. वैसे सूतक काल में किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है. यहां तक की पूजा-पाठ भी वर्जित होते हैं, लेकिन इस दौरान उपाय किए जा सकते हैं.  साल के दूसरे सूर्य ग्रहण की शुरुआत 14 अक्टूबर की रात 8 बजकर 34 मिनट से होगी और इसका समापन 15 अक्टूबर 2 बजकर 25 मिनट पर होगा. 


उपाय


दान- सूर्य ग्रहण के बाद स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनकर सूर्य देव का ध्यान करते हुए गेंहू, गुड़, लाल वस्त्र, तांबा आदि दान करें. इससे सूर्य मजबूत होते हैं और जीवन में सफलता और नौकरी में तरक्की मिलती है. ग्रहण के बाद सूर्य देव की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस दौरान खासकर आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करना शुभ रहता है. इससे उन्नति होती है. 


पाठ- सूर्य ग्रहण के समापन के बाद सूर्य अष्टकम का पाठ करें. इस पाठ का जाप करने से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति और ग्रह दोषों से छुटकारा मिलता है. संस्कृत में लिखे इस पाठ का जप करने में दिक्कत हो रही हो तो सूर्य चालीसा का पाठ भी किया जा सकता है. 


पौधे लगाना- सूर्य ग्रहण के बाद तेजफल, आक, मदार या सूर्यमुखी आदि का पौधा लगाकर उसकी सेवा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं. इन पौधों को लगाने से सूर्य दोष भी दूर होता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)