क्रिकेट विश्व कप 2015 के लिए चयनकर्ताओं ने जब 15 सदस्यीय भारतीय टीम का ऐलान किया गया तो कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। हरफनमौला स्टुअर्ट बिन्नी के नाम पर सबसे ज्यादा भौहें तनीं। क्रिकेट के प्रशंसक और जानकार बिन्नी को टीम में शामिल किए जाने पर उनकी क्षमता पर आशंकाएं जताईं। तो कुछ लोग मुरली विजय के टीम में शामिल नहीं किए जाने पर निराश हुए। लेकिन यहां हम बात बिन्नी को टीम में शामिल किए जाने को लेकर करेंगे।  


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टीम के चयन में कप्तान की भूमिका अहम होती है। भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टीम चयन के समय हरफनमौला खिलाड़ी को जरूर अपनी नजर में रखा होगा। बिन्नी ऑलराउंडर हैं। उनमें गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों की खूबी है। बिन्नी को टीम में लेते समय धोनी ने यह जरूर सोचा होगा कि उन्हें एक ऐसा खिलाड़ी चाहिए जो जरूरत पड़ने पर पांच-छह ओवर तक गेंदबाजी भी कर सके और निचले क्रम में रन भी बना सके। बिन्नी मध्यम गति के तेज गेंदबाज हैं और विश्व कप के मुकाबले जिन पिचों पर खेले जाएंगे, वे पिचें सीम गेंदबाजों को मदद करती हैं।  


स्विंग गेंदबाजी की बात करें तो इरफान पठान ने काफी समय से अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है। बिन्नी को छोड़ दें तो इरफान के स्तर का ऑलराउंडर फिलहाल भारतीय टीम में कोई नहीं है। एक समय में संजय बांगर और रॉबिन सिंह ने भारतीय टीम में इस कमी को पूरी की थी लेकिन मौजूदा समय में बिन्नी ही इस कमी को पूरी करते दिखाई देते हैं। हालांकि, यह भी सच है कि शुरुआत में धोनी के विश्व कप योजना की हिस्सा में बिन्नी शामिल नहीं थे। यह इस बात से जाहिर होता है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ 28 जनवरी को अपने अंतरराष्ट्रीय खेल करियर की शुरुआत करने वाले कर्नाटक के इस खिलाड़ी ने पिछले साल मात्र छह वनडे मैच खेले। इस मैच में बिन्नी को बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला। भारत ने इस मैच में 278 रन बनाए थे। इस मैच में अंबाती रायडू से तीन ओवर जबकि बिन्नी से एक ओवर गेंदबाजी कराई गई।       


बिन्नी हाल की त्रिकोणीय श्रृंखला में धोनी की पसंद बन गए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए अंतिम दो वनडे मैचों में धोनी ने बिन्नी से गेंदबाजी कराई। इंग्लैंड के खिलाफ पहले मैच में बिन्नी स्टार के रूप में उभरे। इस मैच में बिन्नी ने न केवल रन बनाए बल्कि विकेट भी लिए। दूसरे वनडे में बिन्नी ने इंग्लैंड के मध्य क्रम को झकझोर दिया और जो रूट, इयोन मॉर्गन एवं रवि बोपरा के तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए। गौर करने वाली बात है कि इन दोनों मुकाबलों में बिन्नी की इकॉनमी प्रति ओवर चार रन से कम रही।


बिन्नी में हरफनमौला खिलाड़ी की सारी खूबियां हैं। जरूरत पड़ने पर वह टीम के लिए रन बना सकते हैं तो मुश्किल घड़ी में अपनी गेंदबाजी से वह टीम को राहत प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, बिन्नी के पास अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का ज्यादा अनुभव नहीं है फिर भी वह विश्व कप के दौरान नई गेंद से गेंदबाजी कर सकते हैं। विश्व कप के दौरान बल्लेबाजी के निचले क्रम में उन पर रन बनाने का भारी दबाव रहेगा। बिन्नी को इन दबावों से निकलते हुए अपनी सार्थकता सिद्ध करते हुए टीम में ऑलराउंडर की कमी पूरी करनी होगी।