Online Gaming Companies: 642 ऑनलाइन गेम‍िंग कंपन‍ियां सरकार की रडार पर हैं. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद को बताया कि महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस (DGCI) ने टैक्‍स चोरी के शक के लिए 642 ऑफशोर ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म की पहचान की है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार इन कंपन‍ियों पर इंड‍ियन टैक्‍स कानूनों का पालन नहीं करने के ल‍िए जांच चल रही है. चौधरी ने बताया कि कार्रवाई के दौरान कुछ ऑफशोर प्लेटफॉर्म ने जांच में सहयोग नहीं क‍िया और क‍िसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे रहे.


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वेबसाइट और यूआरएल को ब्लॉक करने की स‍िफार‍िश


ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) से IGST अधिनियम, 2017 के सेक्‍शन 14A (3) के तहत उनकी वेबसाइट और यूआरएल (URL) को ब्लॉक करने की स‍िफार‍िश की गई है. चौधरी ने लोकसभा में बताया, डीजीजीआई का विदेशी सरकार के साथ क‍िसी तरह का करार नहीं है. हालांकि, ऑनलाइन मनी गेमिंग / सट्टेबाजी / जुआ प्रदान करने वाली 642 ऑफशोर कंपन‍ियों की पहचान की गई है और उनकी जांच चल रही है.


टैक्‍स चोरी के मामलों में ऑनलाइन गेम‍िंग सबसे आगे
इस साल सितंबर में जीएसटी चोरी पर एक अलग कार्रवाई में डीजीजीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 6,084 मामलों में 2.01 लाख करोड़ रुपये की टैक्‍स चोरी की जानकारी दी. साल 2022-23 में 4,872 मामलों से पता चला 1.01 लाख करोड़ रुपये की तुलना में तेज इजाफा हुआ. टैक्‍स चोरी में मदद करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में ऑनलाइन गेमिंग, बैंकिंग, फाइनेंश‍ियल सर्व‍िसेज और इंश्‍योरेंस के अलावा स्क्रैप आद‍ि प्रमुख हैं.


78 मामलों से 81875 करोड़ रुपये की टैक्‍स चोरी
ऑनलाइन गेमिंग इंडस्‍ट्री 2023-24 में टैक्‍स चोरी में सबसे ज्‍यादा मामले सामने आए. इसमें केवल 78 मामलों से 81,875 करोड़ रुपये की टैक्‍स चोरी हुई. इसके बाद बीएफएसआई सेक्टर से जुड़े 171 मामलों में 18,961 करोड़ रुपये की टैक्‍स चोरी हुई. अन्य क्षेत्रों जैसे कि वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट सर्विसेज और फार्मास्युटिकल्स ने अपेक्षाकृत कम टैक्‍स चोरी की रिपोर्ट की. इसमें 2,846 करोड़ रुपये के 343 मामले शाम‍िल रहे.


डीजीजीआई (DGCI) की सालाना रिपोर्ट से पता चला है कि चोरी के करीब आधे मामलों में (46 प्रतिशत) गुप्त आपूर्ति और अंडर वैल्यूएशन के जर‍िये टैक्‍स का कम भुगतान शामिल था. इसके अलावा फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) दावों का हिस्सा 20 प्रतिशत रहा. आईटीसी (ITC) का गैर-रिवर्सल या गलत तरीके से फायदा उठाने में 19 प्रतिशत मामलों का योगदान रहा.