नई दिल्ली: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने का इंतजार सबको है. मीडिया रिपोर्ट्स में केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी का फायदा नए साल में देने की बात कही जा रही है लेकिन, कितनी इजाफा होगा, इस पर कोई स्थिति साफ नहीं है. उधर, कर्मचारी अपनी मांग को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बढ़ा रहे हैं. सरकार भी अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले कोई जोखिम नहीं लेना चाहती इसलिए कोई समधान निकालने की तैयारी कर रही है. 


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हमारी सहयोगी वेबसाइट zeebiz.com के मुताबिक, सरकार लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक पे बढ़ा सकती है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का दावा है कि सरकार फिटमेंट फैक्‍टर में बढ़ोतरी करेगी. इससे केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक पे 3000 रुपए तक बढ़ सकती है. फिटमेंट फैक्‍टर 2.57 गुना से बढ़ाकर 3 गुना किया जा सकता है. हालांकि, केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.68 गुना किया जाए. 


अगर सरकार फिटमेंट फैक्‍टर को 3 गुना करती है तो कर्मचारियों की बेसिक पे 18000 रुपए से बढ़कर 21000 रुपए हो जाएगी. 7वें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए करने की सिफारिश की थी. हालांकि, कर्मचारी इसे बढ़ाकर 26 हजार रुपए करने की मांग कर रहे हैं.


26 जनवरी को ऐलान संभव
केंद्र सरकार वेतन बढ़ोतरी की घोषणा कब करेगी, इसे लेकर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, वेतन बढ़ोतरी की घोषणा नए साल में होगी. 26 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़े ऐलान कर सकते हैं. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, बढ़ी हुई सैलरी का फायदा जनवरी 2019 से मिलेगा. दरअसल, आम चुनाव से पहले यही ठीक वक्त है जब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ऐलान किया जा सकता है. 


बजट बिगाड़ सकता है मूड
वित्त मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो वित्तीय घाटा को स्थिर रखने और आगामी चुनाव को देखते हुए बजट में कुछ घोषणाएं होने की संभावना है क्योंकि केंद्रीय कर्मियों को अतिरिक्त तोहफा देकर सरकार बोझ बढ़ाने के मूड में नहीं है. केंद्र सरकार अपने अंतिम पूर्ण बजट को भी ध्यान में रखेगी. इसलिए सरकार ऐसी कोई घोषणा नहीं करेगी, जिसका असर उसके खजाने पर पड़े. ज्यादा बोनस या सैलरी देने से सरकार को वित्तीय बोझ उठाना पड़ सकता है. 


एरियर का फायदा नहीं मिलेगा
सूत्रों की मानें तो सातवें वेतन आयोग के तहत बढ़ी हुई सैलरी और फिटमेंट फैक्टर अगर लागू होता है तो कर्मचारियों को एरियर का फायदा नहीं मिलेगा. कुछ समय पहले भी मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि सरकार एरियर देने के मूड में नहीं है. वहीं, सरकार के वित्तीय सलाहकारों ने वेतन वृद्धि से अतिरिक्त बोझ पड़ने की बात कही थी. हालांकि ऐसा करने से सरकार को कर्मचारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा.


2016 में वेतन में हुई थी बढ़ोतरी
आपको बता दें, 2016 की शुरुआत में केंद्रीय कर्मियों के वेतन में लगभग 14 फीसदी की बढ़ोतरी सरकार ने की थी. हालांकि कर्मचारी इससे खुश नहीं थे. उन्‍होंने सरकार से मांग की थी कि न्‍यूनतम वेतन और फिटमेंट फैक्‍टर को बढ़ाया जाए. यह मांग 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा हैं.