Adani Green Energy: अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन ने बाजार की कमजोर स्थिति को देखते हुए अपने 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर के बॉन्ड की पेशकश को अमेरिकी चुनाव तक टाल दिया है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की स्वच्छ-ऊर्जा कारोबार से जुड़ी इकाइयां मंगलवार को 20 साल की अवधि वाले ग्रीन बॉन्ड पेश करने वाली थीं लेकिन इसे अंतिम समय में टाल दिया गया. जानकार सूत्रों ने कहा कि अडानी ग्रीन ने आईजी-रेटिंग वाले हाइब्रिड आरजी बॉन्ड पेश किए लेकिन सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद इसे अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के बाद तक टाल दिया.


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अच्छा परिणाम नहीं म‍िलने के आसार


कंपनी ने बॉन्ड से बेहतर मूल्य निर्धारण और समग्र परिणाम हासिल करने के लिए इसे चुनावों तक टालने का फैसला किया है. सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से जुड़े कुछ अन‍िश्‍च‍ित घटनाक्रमों को देखते हुए डॉलर बॉन्ड को टाल दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, अडानी ग्रीन को ऐसा लगा कि फौरी तौर पर उपलब्ध अन्य विकल्पों जैसे ऑनशोर बॉन्ड, बैंक वित्तपोषण के मुकाबले डॉलर बॉन्ड लाना समग्र मूल्य निर्धारण के लिहाज से सबसे अच्छा परिणाम नहीं होगा.


पैसा का इस्‍तेमाल विदेशी मुद्रा लोन चुकाने के लिए किया जाएगा
प्रस्तावित बॉन्ड से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल विदेशी मुद्रा ऋण चुकाने के लिए किया जाएगा. इस बॉन्ड पेशकश को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी लेकिन कंपनी ने ठोस मूल्य पाने के लिए बेहतर बाजार स्थितियां होने तक इसे टालने का फैसला किया. सूत्रों ने कहा कि कंपनी अमेरिकी चुनावों के तुरंत बाद या नए साल की छुट्टी के बाद जनवरी, 2025 के दूसरे सप्ताह में इसे लाने की संभावना पर विचार कर रही है.


हाइब्रिड आरजी में 1,840 मेगावाट क्षमता की पवन-सौर हाइब्रिड संपत्तियां शामिल हैं, जिन्हें फिच और मूडीज से आईजी रेटिंग मिली है. यह भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा बाजार की सबसे मजबूत रेटिंग में से एक है. (इनपुट भाषा)