गिरते-गिरते संभला मार्केट, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बावजूद अडानी की इन 2 कंपनियों ने कमाया मुनाफा
Adani group share down in market: शेयर बाजार में लिस्टेड अडानी ग्रुप की 10 कंपनियों में से आठ के शेयर सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुए. वहीं, दो कंपनियों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई.
Adani group share market price: हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट के बाद आज मार्केट का पहला दिन था. बाजार सत्र के दौरान आज पूरे दिन हिंडनबर्ग का असर दिखा और उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में शेयर बाजार में मामूली गिरावट दर्ज की गई.
हालांकि, शुरू में बाजार काफी गिर गया था लेकिन बाद में निजी बैंकों में लाभ से बाजार काफी हद तक नुकसान से उबरने में सफल रहा. सेंसेक्स 56.99 अंक यानी 0.07 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 79,648.92 अंक पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी भी 20.50 अंक यानी 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,347 अंक पर बंद हुआ.
शेयर बाजार में लिस्टेड 10 कंपनियों में से आठ के शेयर सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुए. अडानी विल्मर के शेयर में सबसे ज्यादा चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी विल्मर का शेयर 4.14 प्रतिशत, अडानी टोटल गैस का 3.88 प्रतिशत, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस का 3.70 प्रतिशत, एनडीटीवी का 3.08 प्रतिशत, अडानी पोर्ट्स का 2.02 प्रतिशत, अडानी एंटरप्राइजेज का 1.09 प्रतिशत, एसीसी का 0.97 प्रतिशत और अडानी पावर का 0.65 प्रतिशत गिरा.
हालांकि, अडानी ग्रुप की कंपनी दो कंपनियों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई. अंबुजा सीमेंट्स का शेयर 0.55 प्रतिशत और अडानी ग्रीन एनर्जी का शेयर 0.22 प्रतिशत चढ़ा.
कारोबार के दौरान 17 प्रतिशत तक गिरा था शेयर
दिन में कारोबार के दौरान अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 17 प्रतिशत, अडानी टोटल गैस का 13.39 प्रतिशत, एनडीटीवी का 11 प्रतिशत और अडानी पावर का 10.94 प्रतिशत लुढ़ गया था. वहीं, अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर में 6.96 प्रतिशत, अडानी विल्मर में 6.49 प्रतिशत, अडानी एंटरप्राइजेज में 5.43 प्रतिशत, अडानी पोर्ट्स में 4.95 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट्स में 2.53 प्रतिशत और एसीसी में 2.42 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में क्या?
हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात जारी अपनी नई रिपोर्ट में कहा था कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धबल बुच ने बरमूडा तथा मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था. उसने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अडानी ने पैसों की हेराफेरी करने तथा समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया था.
विनोद अडानी, अडानी समूह के चेयरपर्सन गौतम अडानी के बड़े भाई हैं. आरोपों के जवाब में बुच दंपति ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि ये निवेश 2015 में किए गए थे, जो 2017 में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति तथा मार्च 2022 में चेयरपर्सन के रूप में उनकी पदोन्नति से काफी पहले था. ये निवेश सिंगापुर में रहने के दौरान निजी तौर पर आम नागरिक की हैसियत से किए गए थे.