Adani Wilmar में हिस्सेदारी बेचेंगे अडानी ग्रुप और विल्मर, जानिए ऐसा करना क्यों जरूरी?
Gautam Adani: गौतम अडानी और विल्मर इंटरनेशनल लिमिटेड की कंज्यूमर सेक्टर की ज्वाइंट वेंचर कंपनी अडानी विल्मर आने वाले समय में कंपनी में कुछ हिस्सा बेचने का प्लान कर रहे हैं. दोनों के पास अभी कंपनी की 88 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
Adani Wilmar Share Price: अडानी ग्रुप की तरफ से लगातार एक्सटेंशन पर काम किया जा रहा है. पिछले दिनों ग्रुप ने सीमेंट कारोबार में नंबर-1 बनने के मकसद से छोटी-छोटी कई सीमेंट कंपनियों का अधिग्रहण किया था. अब गौतम अडानी और विल्मर इंटरनेशनल लिमिटेड (Wilmar International Ltd) कंज्यूमर सेक्टर की ज्वाइंट वेंचर कंपनी अडानी विल्मर लिमिटेड में कुछ हिस्सा बेचने की शुरुआती बातचीत बैंकों के साथ कर रहे हैं.
शेयरहोल्डिंग पैटर्न का पालन करने का मकसद
ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि इस कदम को कंपनी शेयरहोल्डिंग पैटर्न का पालन करने के मकसद से उठा रही है. इसके बाद दोनों मालिक बराबर की हिस्सेदारी बेचने की संभावना तलाश रहे हैं. यह अडानी विल्मर का 13% होने की संभावना है. रिपोर्ट के अनुसार यह बिक्री करीब 670 मिलियन यूएस डॉलर (करीब 54.4 अरब रुपये) मूल्य की हो सकती है. यह आने वाले कुछ महीने में होने की संभावना है.
एक बार में या अलग-अलग किस्तों में बेच सकते हैं शेयर
बिक्री प्रक्रिया में पार्टनर (अडानी और विल्मर) अपने शेयर एक बार में या अलग-अलग किस्तों में बेच सकते हैं. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि शेयर खरीदने वालों की इसमें कितनी दिलचस्पी है. सेबी (SEBI) के नियमों के अनुसार, अडानी और विल्मर के पास अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 75% तक करने के लिए अगले साल फरवरी तक का समय है. सूत्रों के हवाले से आई खबर में यह भी बताया गया कि अभी इस पर विचार किया जा रहा है और बेची जाने वाली हिस्सेदारी का साइज और समय जैसी जानकारी बदल सकती है.
अडानी और विल्मर कंपनी के पास 88% का हिस्सा
अडानी और विल्मर कंपनी के शेयरों में से करीब 88% हिस्सा अपने पास रखते हैं. लेकिन सेबी के नियमों के अनुसार, बड़ी कंपनियों के लिए जरूरी है कि वो शेयरों को लिस्ट कराने के तीन साल के अंदर, कम से कम 25% शेयर आम जनता के लिए उपलब्ध कराएं. अदानी विल्मर की शुरुआत 1999 में हुई थी. इसकी शेयर बाजार में लिस्टिंग फरवरी 2022 में हुई थी. यह कंपनी फॉर्च्यून ब्रांड के अंतर्गत खाना बनाने का तेल, गेहूं का आटा, दालें, चावल और चीनी बेचती है. कंपनी के देश में 10 राज्यों में 23 कारखाने हैं.