MDH Masala :भारत मसालों का देश कहलाता है, लेकिन इन दिनों भारत की दो मसाला कंपनियां निशाने पर हैं. सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में एमडीएच और एवरेस्ट मसालों (MDH and Everest Masale) को प्रतिबंधित कर दिया गया. कहा गया कि इन कंपनियों के कुछ मसालों में कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले खतरनाक कीटनाशक पाए गए हैं. जिसके बाद इन दोनों देशों में एमडीएच और एवरेस्ट मसालों की सेल पर प्रतिबंध लगा दिया गया. मुश्किल यहीं नहीं थमी. खबर आने के बाद अमेरिका की फूड एजेंसी USFDI ने भी इन मसालों की जांच की.  अमेरिका में भी भारतीय मसाला कंपनी को झटका लगा है. 


अमेरिका में झटका 


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भारतीय मसाला निर्माता एमडीएच की मुश्किल अमेरिका में भी बढ़ गई है.  MDH के निर्यात किए गए मसाले से संबंधित शिपमेंट के लिए रिजेक्शन दरों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अमेरिकी फूड सेफ्टी नियामक ने छह महीनों में साल्मोनेला के कारण एमडीएच  की ओर से निर्यात किए गए सभी मसालों से संबंधिक शिपमेंट में से 31 फीसदी को रिजेक्ट कर दिया है. द इंडियन एक्सप्रेस की  रिपोर्ट के मुताबिक साल्मोनेला कंटैमिनेशन की वजह से रिफ्यूजल रेट में बढ़ोतरी हुई है. अक्टूबर 2023 में एमडीएच के सभी शिपमेंट का लगभग एक तिहाई यानी 11 शिपमेंट को अमेरिका ने रिजेक्ट कर दिया. अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 तक रिफ्यूजल रेट 15 फीसदी रहा था. वहीं अमेरिका ने बीते साल एवरेस्ट के कुल निर्यात शिपमेंट में से 3 फीसदी को रिजेक्ट किया था. 


रिपोर्ट के मुताबिक रिजेक्ट किए गए शिपमेंट साल्मोनेला कंटैमिनेशन से प्रदूषित थे. बता दें कि साल्मोनेला कंटैमिनेशन एक तरह का बैक्टेरिया होता है, जिसके सेवन से पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती है. इसकी वजह से आंतों में संक्रमण हो सकता है. इसी बैक्टेरिया की वजह से टायफायड होता है.  जानकारों की माने तो कटाई से लेकर प्रोसेसिंग और पैकेजिंग तक अगर सही से वैल्यू चेन मेंटन नहीं किया जाए तो साल्मोनेला से बच पाना मुश्किल है.  रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की एफडीआई ने जनवरी 2022 में एमडीएच के मैन्यूफैक्टरिंग यूनिट का निरिक्षण किया था, जिसमें पाया था कि यूनिट में पर्याप्त स्वच्छता नहीं थी.   


बता दें कि MDH, एवरेस्ट मसालों पर हो रही कार्रवाई से भारतीय मसालों पर संकट बढ़ता जा रहा है. मसाला कंपनियों की चिंता बढ़ती जा रही है.   कंपनी पर लगा रहे आरोपों को लेकर एमडीएच ने कहा कि उसके मसाले पूरी तरह सुरक्षित हैं. कंपनी ने कहा कि उन्हें सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के नियामकों से कोई सूचना महीं मिला है.