दिवाली से पहले महंगी हुई प्याज, `आंसू` रोकने के लिए सरकार ने कर दिया यह ऐलान
महंगी प्याज से राहत देने के लिए खुदरा बाजार में 25 रुपये किलो की रियायती दर पर ‘बफर स्टॉक’ से बिक्री बढ़ाने का फैसला किया गया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, प्याज की देशभर में औसत खुदरा कीमत बढ़कर 47 रुपये प्रति किलो हो गई.
Onion Price Hike: नवरात्र खत्म होने के बाद प्याज की कीमत में जबरदस्त तेजी आई है. दिवाली से पहले कुछ शहरों में प्यार की खुदरा कीमत बढ़कर 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. नवरात्र से पहले अलग-अलग शहरों में प्याज 20 रुपये से लेकर 40 रुपये प्रति किलो तक बिक रही थी. लेकिन कीमत में अचानक आई तेजी को रोकने के लिए सरकार ने बढ़ा कदम उठाया है. सरकार का दावा है कि इसके बाद प्याज को दिल्ली-एनसीआर समेत अलग-शहरों में 25 रुपये किलो पर बिक्री की जाएगी.
‘बफर स्टॉक’ से बिक्री बढ़ाने का फैसला
सरकार की तरफ से एक बयान में बताया गया कि प्याज की औसत कीमत बढ़कर 47 रुपये किलो के स्तर पर चल रही है. महंगी प्याज से राहत देने के लिए खुदरा बाजार में 25 रुपये किलो की रियायती दर पर ‘बफर स्टॉक’ से बिक्री बढ़ाने का फैसला किया गया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, प्याज की देशभर में औसत खुदरा कीमत बढ़कर 47 रुपये प्रति किलो हो गई. यह कीमत एक साल पहले की समान अवधि में 30 रुपये प्रति किलो थी.
अगस्त से ‘बफर स्टॉक’ से प्याज दी जा रही
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, ‘हम अगस्त से ‘बफर स्टॉक’ से प्याज दे रहे हैं. इससे कीमत में और वृद्धि को रोकने व ग्राहकों को राहत देने के लिए खुदरा बिक्री बढ़ा रहे हैं.’ मंत्रालय के अनुसार, जिन राज्यों में कीमत में इजाफा हो रहा है वहां थोक और खुदरा दोनों बाजारों में ‘बफर स्टॉक’ से प्याज दिया जा रहा है. अगस्त के मिड से 22 राज्यों में विभिन्न स्थानों पर ‘बफर स्टॉक’ से करीब 1.7 लाख टन प्याज दिया गया.
25 रुपये प्रति किलो के रेट पर मिलेगी प्याज
खुदरा बाजारों में, ‘बफर स्टॉक’ के प्याज को दो सहकारी निकायों भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAAFED) की दुकानों और वाहनों के जरिये 25 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर बेचा जा रहा है. दिल्ली में भी ‘बफर स्टॉक’ का प्याज इसी रियायती दर पर बेचा जा रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौसम संबंधी कारणों से खरीफ प्याज की बुआई में देरी के कारण कम फसल हुई और फसल की आवक में दरी हुई.
अधिकारी ने बताया कि ताजा खरीफ प्याज की आवक अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भंडारित रबी प्याज खत्म होने और खरीफ प्याज के आगमन में देरी के कारण आपूर्ति की स्थिति खराब है, जिसके परिणामस्वरूप थोक और खुदरा दोनों बाजारों में कीमतें बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने चालू वर्ष 2023-24 में प्याज के लिए ‘बफर स्टॉक’ को दोगुना किया है. इससे घरेलू उपलब्धता में सुधार होगा और आने वाले दिनों में बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगेगा.
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एनसीसीएफ और एनएएफईडी के जरिए पांच लाख टन का ‘बफर स्टॉक’ बनाए रखा है और आने वाले दिनों में अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने की योजना है. (Input भाषा से भी)