Ajnara Builder Project: अगर आपने भी फ्लैट की बुक‍िंग करा रखी है तो यह खबर आपके काम की है. आम्रपाली के बाद अजनारा बिल्डर के दिवालिया घोषित होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 18 महीने तक चली सुनवाई के बाद दिवाला समाधान पेशेवर (IRP) न‍ियुक्‍त कर द‍िया है. इसके बाद बिल्डर कोई भी काम बिना आईआरपी से इजाजत ल‍िए नहीं कर सकेगा. इस पर अजनारा ग्रुप के प्रमोटर प्रमोद गुप्ता अजनारा ने कहा क‍ि वह एनसीएएलटी (NCALT) में अपील करेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अजनारा एम्बोसिया प्रोजेक्ट का मामला
मनीष कुमार गुप्ता समेत 113 खरीदारों ने अजनारा ब‍िल्‍डर के ख‍िलाफ एनसीएलटी में मुकदमा दायर किया था. इन लोगों ने सेक्टर-118 स्‍थ‍ित अजनारा एम्बोसिया प्रोजेक्ट में बुकिंग कराई थी. इस पर चली सुनवाई के बाद एनसीएलटी की तरफ से यह फैसला सुनाया गया. वाद दायर करने वाले सभी खरीदारों ने साल 2012 से लेकर 2019 तक अजनारा इंडिया लिमिटेड (Ajnara India Ltd.) को 50 करोड़ 47 लाख 48 हजार रुपये का भुगतान क‍िया था.


एनसीएलटी ने बिल्डर पर बड़ी कार्रवाई की
शुरुआत में उनसे तीन साल में फ्लैट का पजेशन म‍िलने की बात कही गई थी लेक‍िन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद खरीदार एनसीएलटी चले गए. पीड़ितों की तरफ से बताया गया क‍ि एनसीएलटी ने बिल्डर पर बड़ी कार्रवाई की है. उन्‍होंने यह भी बताया क‍ि अजनारा ब‍िल्‍डर को दिवालिया घोषित करने का प्रोसेस शुरू हो चुका है. साथ ही आईआरपी अमरपाल को अपाइंट कर द‍िया गया है. इसके बाद खरीदारों को अपना आश‍िययाना म‍िलने की उम्मीद जगी है.


जानकारी के अनुसार अजनारा ब‍िल्‍डर के पास नोएडा के सेक्टर-118 में प्लाट नं GH01 पर 1,42,967 स्क्वायर मीटर जमीन है. यहां उसने ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाने के लिए कुछ कंपनियों और लोगों के साथ करार क‍िया. बिल्डर बायर एग्रीमेंट (BBA) के अनुसार बिल्डर को 3 साल के अंदर 1,600 यूनिट्स बनाकर चाबी खरीदारों को सौंपनी थी. बिल्डर ने प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए खरीदारों से एडवांस पेमेंट भी लिया लेक‍िन समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर पाया.



ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर