Reliance Big News: अंबानी परिवार को एक और बड़ा झटका लगा है. देश के कारोबारी अनिल अंबानी की एक और कंपनी अब बिकने की कगार पर है. कर्ज में डूबी हुई रिलायंस नेवल डिफेंस एंड इंजीनियरिंग की बिक्री के लिए भी मंजूरी मिल गई है. एनसीएलटी ने इसको बेचने की मंजूरी दे दी है. एक के बाद एक अनिल अंबानी के संकट के बादल कम नहीं हो रही है. 


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हेजल मर्केंटाइल को मिली मंजूरी
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की अहमदाबाद विशेष पीठ ने रिलायंस नेवल डिफेंस एंड इंजीनियरिंग के लिए स्वान एनर्जी (Swan Energy) के नेतृत्व वाली हेजल मर्केंटाइल (Hazel Mercantile) के कंसोर्टियम योजना को मंजूरी दे दी है. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, हेजल मर्केंटाइल को एनसीएलटी की तरफ से मंजूरी मिली है. इस साल की शुरुआत में आशय पत्र (LOI) जारी किया गया था.


सबसे अधिक लगाई बोली
कर्ज में डूबी हुई इस कंपनी के लिए 2700 करोड़ रुपये की बोल हेजल मर्केंटाइल ने लगाई है. बता दें यह सबसे अधिक बोली है. लंबे समय से चल रही इस प्रक्रिया में हेजल मर्केंटाइल को एनसीएलटी की मंजूरी मिल चुकी है. हाल ही में NCLT ने रिलायंस जियो (Reliance Jio) को रिलायंस इंफ्राटेल ( Reliance Infratel) के अधिग्रहण की मंजूरी दी है. 


शेयरों में आया जोरदार उछाल
बता दें अनिल अंबानी की कंपनी के ब्रिकी को मंजूरी मिलने के बाद शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में जोरदार उछाल देखने को मिला और कंपनी के शेयरों में अपर सर्किट लगा, जिससे निवेशकों को बड़ा फायदा हुआ है और आखिरी कारोबारी दिन भी कंपनी के शेयर करीब 4 फीसदी से ज्यादा की बढ़त के साथ बंद हुए थे.


संपत्तियों के अधिग्रहण का लिया था फैसला
आपको बता दें एनसीएलटी ने रिलायंस इंफ्राटेक के टावर और फाइबर की संपत्तियों का अधिग्रहण करने का फैसला लिया था, जिसके बाद रिलायंस जियो को एसबीआई के एस्क्रो खाते में करीब 3720 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा गया था. रिलायंस इंफ्राटेल के पार देशभर में करीब 78 लाख रूट किलोमीटर की फाइबर प्रॉपर्टी और 43540 मोबाइल टावर हैं.


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