Anil Ambani Reliance Capital: अनिल अंबानी भारी कर्ज के बोझ से दबे हैं. उनकी कंपनियां दिवालिया हो रही है. कंपनी पर करोड़ों का कर्ज है .  अनिल अंबानी (Anil Ambani) की दिवालिया कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को खरीदार मिल गया. हिंदूजा ग्रुप (Hinduja Group) ने रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए नीलामी जीत ली. 9,650 करोड़ रुपये की इस डील को पूरा करने के लिए हिंदुजा ग्रुप पैसे जुटाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसे बड़ा झटका लगा है. बैंकों ने उसे लोन देने से इनकार कर दिया.  


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अनिल अंबानी की कंपनी खरीदने के लिए नहीं मिल रहा लोन 


अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विस कंपनी है. नीलामी में हिंदुजा ग्रुप की कंपनी IIHL ने इसको खरीदने के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई, लेकिन अब वो पैसों का इंतजाम नहीं कर पा रही है. बैंकों ने इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्‍स (IIHL) को लोन देने ने मना कर दिया है. बैंकों से लोन नहीं मिलने मिलने के चलते इस डील में देरी हो रही है. 


4300 करोड़ का कर्ज लेगी हिंदुजा समूह की कंपनी  


ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदुजा ग्रुप को बैंकों की ओर ने अच्छा रिस्पांस नहीं मिला तो अब वो पैसे जुटाने के लिए बॉन्ड के जरिए फंड इकट्ठा करेगी.   इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स (IIHL) ने नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) इश्यू के जरिए 4300 करोड़ रुपये उधार लेने की योजना बनाई है. 


अनिल अंबानी की कंपनी  रिलायंस कैप‍िटल पर 40,000 करोड़ का कर्ज


अनिल अंबानी की दिवालिया कंपनी रिलायंस कैपिटल पर 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है. कर्ज न चुका पाने के चलते कंपनी को दिवालिया प्रक्रिया से गुजरना पड़ा है. रिलायंस कैपिटल कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है. 27 फरवरी, 2024 को एनसीएलटी ने हिंदुजा समूह की सब्सिडियरी कंपनी को रिलांयस कैपिटल की खरीदारी के लिए मंजूरी दे दी. लेकिन उन्हें 27 मई, 2024 तक अधिग्रहण पूरा करना था, जिसे वो पूरा नहीं कर सकी. कंपनी की ओर से फंड में जेरी के चलते 90 दिनों का अतिरिक्त वक्त मांगा गया है.  
  
क्या करती हैं रिलायंस कैपिटल  


एक वक्त था, जब रिलायंस कैपिटल अनिल अंबानी की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली कंपनी थी. कंपनी अपने ग्राहकों को फाइनेंस से जुड़ी करीब 20 सर्विसेस देती थी, रिलायंस कैपिटल के जरिए लाइफ इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस के अलावा होम लोन, कमर्शियल लोन, इक्विटी और कमोडिटी ब्रोकिंग जैसे सेक्टर में सर्विसेस मिलरही थी. ये कंपनी शेयर बाजार की शान हुआ करती थी. साल  2008 में रिलायंस कैपिटल के शेयर 2700 रुपये पर थे, लेकिन कर्ज के बोझ से ये ऐसी दबी की अपने आखिरी ट्रेडिंग-डे पर इस शेयर की कीमत 11.90 रुपये पर पहुंच गई थी.  दिवालिया हो चुकी इस कंपनी के शेयर की ट्रेडिंग रोक दी गई.  अंबानी की इस कंपनी का बड़ा कारोबार रहा है , शेयर बाजार की शान रही है लेकिन गलत नीतियों की वजह से ये कंपनी कर्ज में डूब गई.