नई दिल्ली: एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने वर्चुअल डिजिटल एसेट और क्रिप्टो करेंसी के विज्ञापन को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी हैं, जो 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगी. क्रिप्टो के विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइंस को लेकर लंबे समय से सरकार के साथ चर्चा की जा रही थी और इसे सरकार व दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है. नई गाइडलाइन के अनुसार अब क्रिप्टो के विज्ञापनों में ग्राहकों को स्पष्ट तौर पर निवेश से जुड़े जोखिमों की जानकारी देनी होगी.


निवेश से जुड़े जोखिम बताना जरूरी


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ASCI के मुताबिक, क्रिप्टो विज्ञापनों के साथ रिस्क की जानकारी दी जाएगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि ग्राहकों को किसी भी तरह के भ्रामक दावों से दूर रखा जाए. साथ ही मुनाफे के बढ़ा-चढ़ाकर किए जाने वाले दावों पर भी सचेत किया जा सके. बता दें कि देश में विज्ञापनों को नियंत्रित करने के लिए ASCI एक सेल्फ रेग्युलेटरी बॉडी है.


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क्या है गाइडलाइंस?


- 1 अप्रैल 2022 से सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट-संबंधी विज्ञापनों पर लागू होंगी. VDA प्रोडक्ट्स और VDA एक्सचेंजों या VDA की विशेषता वाले सभी विज्ञापनों में निम्नलिखित अस्वीकरण होना चाहिए. साफ लिखना होगा क्रिप्टो और NFT अनरेगुलेटेड प्रोडक्ट हैं और भारी जोखिम हो सकता है.


- VDA प्रोडक्ट और सर्विसेज के विज्ञापनों में "करेंसी", "सिक्योरिटीज", "कस्टोडियन" और "डिपॉजिटरी" शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उपभोक्ता इन शर्तों को रेगुलेटेड प्रोडक्ट के साथ जोड़ते हैं. 


- कॉस्ट कितनी होगी इसकी साफ साफ जानकारी देनी होगी. विज्ञापन कौन दे रहा है इसकी साफ जानकारी देनी होगी. सेलिब्रिटीज को विज्ञापन से पहले जोखिम को समझना होगा.


- विज्ञापनों में दी गई जानकारी उस सूचना या चेतावनियों का खंडन नहीं करेगी, जो रेगुलेटेड संस्थाएं समय-समय पर VDA प्रोडक्ट के मार्केटिंग के लिए ग्राहकों को बताती हैं.


- VDA प्रोडक्ट की कॉस्ट या प्रॉफिट के बारे में साफ स्पष्ट जानकारी देनी होगी. विज्ञापनों में स्पष्ट, सटीक, पर्याप्त और अपडेट जानकारी होनी चाहिए. उदाहरण के लिए, 'Zero Cost' में उन सभी कॉस्ट को शामिल करना होगा, जिससे उपभोक्ता को ऑफर या ट्रांजैक्शन से संबंधित पूरी जानकारी मिल सके.


- पिछले प्रदर्शन की जानकारी किसी भी आंशिक या पक्षपातपूर्ण तरीके से नहीं दी जा सकेगी. 12 महीने से कम की अवधि के लिए रिटर्न शामिल नहीं किया जाएगा.


- VDA प्रोडक्ट के हर विज्ञापन में स्पष्ट रूप से विज्ञापनदाता का नाम होना चाहिए और उनसे संपर्क करने का एक आसान तरीका (फोन नंबर या ईमेल) दिया जाना चाहिए. यह जानकारी इस तरह से प्रस्तुत की जानी चाहिए कि उपभोक्ता आसानी से समझ सके.


- किसी भी विज्ञापन में ऐसे बयान नहीं होंगे जो भविष्य में मुनाफे में वृद्धि का वादा या गारंटी देते हों.


- VDA प्रोडक्ट की तुलना किसी दूसरी रेगुलेटेड एसेट से नहीं की जा सकती है.


- एक जोखिम भरी श्रेणी है, VDA विज्ञापनों में दिखाई देने वाली मशहूर हस्तियों या प्रमुख हस्तियों को यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए कि उन्होंने विज्ञापन में दिए गए बयानों और दावों के बारे में अपना उचित परिश्रम किया है, ताकि उपभोक्ताओं को गुमराह न किया जा सके. 


बजट में किया गया है बड़ा बदलाव


बजट 2022 में सबसे ज्यादा चर्चा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) को लेकर ही हुई. बजट में प्रस्ताव किया गया है कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की बिक्री/ट्रांसफर से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा. साथ ही वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर के दौरान एक सीमा से ज्यादा के लेन-देन पर एक फीसदी टीडीएस (TDS) भी लगेगा. तब से इसके फ्रेमवर्क को भी लेकर चर्चा थी.


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