Medicine Price Hike: अस्थमा, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, ट्यूबरक्लोसिस (TB) और मेंटल हेल्‍थ से जुड़ी प्रॉब्‍लम जैसे बाइपोलर डिसऑर्डर के इलाज के लिए इस्‍तेमाल होने वाली आठ जनरल दवाएं महंगी हो जाएंगी. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की र‍िपोर्ट के अनुसार नेशनल फार्मास्‍युट‍िकल प्राइस‍िंग अथॉर‍िटी (NPPA) ने इन दवाओं के 11 तय फॉर्मूलेशन के लिए उनके मौजूदा सीलिंग प्राइस को 50% तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. यह फैसला बढ़ती लागत, उत्पादन और एक्‍सचेंज रेट के कारण दवा निर्माताओं की तरफ से कीमत बढ़ाने के ल‍िये आवेदन करने के बाद ल‍िया गया है. मंजूरी म‍िलने के बाद न‍िम्‍मल‍िख‍ित दवाओं के रेट में इजाफा हो जाएगा.


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>> बेंजाइल पेनिसिलिन 10 लाख आईयू इंजेक्शन
>> एट्रोपिन इंजेक्शन 06.एमजी/एमएल
>> इंजेक्शन के लिए स्ट्रेप्टोमाइसिन पाउडर 750 मिलीग्राम और 1000 मिलीग्राम
>> साल्बुटामोल टैबलेट 2 मिलीग्राम और 4 मिलीग्राम और रेस्पिरेटर सॉल्यूशन 5 मिलीग्राम/एमएल
>> पिलोकार्पिन 2% ड्रॉप
>> सेफैड्रोक्सिल टैबलेट 500 मिलीग्राम
>> इंजेक्शन के लिए डेस्फेरिओक्सामाइन 500 मिलीग्राम
>> लिथियम टैबलेट 300 मिलीग्राम


इससे पहले 2019 और 2021 में क्रमशः 21 और 9 फॉर्मूलेशन की कीमत में 50% की वृद्धि की गई थी. रिपोर्ट के अनुसार एनपीपीए ने ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (DPCO) 2013 के प्रावधानों के तहत 20 नई दवाओं का खुदरा मूल्य भी तय किया. रेग्‍युलेटर ने डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज से सेफुरॉक्साइम एक्सिटिल टैबलेट, कैडिला फार्मास्यूटिकल्स से एल-कार्निटिनर मेकोबालामिन और फोलिक एसिड टैबलेट का भी र‍िटेल प्राइस तय क‍िया.