नई दिल्ली: अगले चार महीने करदाता को भूलकर भी कमाई संबंधित सही जानकारी न देने पर भूल भारी पड़ सकती है. भरने में कोताही बरतने वालों पर सख्ती होने जा रही है. कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद 1.45 लाख करोड़ रुपये के बोझ से निपटने के लिए अब पूरा ज़ोर डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स की वसूली पर है.


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सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय के राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने CBIC और CBDT के बोर्ड मेंबर और देश भर के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर और चीफ कमिश्नर के साथ बैठक में ये साफ कर दिया कि पूरे साल में जो भी हुआ इसकी कसर अगली जनवरी से अप्रैल महीने तक पूरी की जाएगी. इसलिए ज्यादा से ज्यादा टैक्स चोरों को घेरना है, उनसे टैक्स निकलवाना है. हालांकि यह साफ किया है कि किसी को परेशान नहीं किया जाएगा. GST के लिए अगले चार महीने में हर महीने का टारगेट 1.10 करोड़ रखा है. जबकि 13.5 लाख करोड़ रुपए का साल भर का डायरेक्ट टैक्स का टारगेट है.


अफसरों को हर हफ्ते फील्ड पर निकलने की सलाह दी है. यह सलाह दी गई है कि अगर किसी ने रिटर्न में जानकारी देना भूल गया हो तो उसे रिटर्न दोबारा जानकारी भरने को कहा जाए और अगर जानबूझकर जानकारी छुपाने की मंशा है तो फिर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. जीएसटी के लिए GSTR1 और GSTR3B अगर नहीं भरते हैं तो अधिकारी उन पर तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं जैसे कि ई-वे बिल ब्लॉक कर दिया जाएगा. इनपुट टैक्स क्रेडिट को रोका जाए, रजिस्ट्रेशन कैंसल किया जाए. GST रिटर्न की सभी जानकारी इनकम टैक्स विभाग से शेयर की जाएगी ताकि कहीं कोई जानकारी मिसमैच हो रही हो तो तुरंत पकड़ा जा सके. वहीं टैक्स बकाया रहने की सूरत में बकाया वसूली अभियान चलाये जाने के लिए कहा गया है.