नई दिल्ली: लॉकडाउन के बाद ऑटो कंपनियों को उम्मीद थी कि फेस्टिवल सीजन में उनकी बिक्री बढ़ेगी, लेकिन अक्टूबर का महीना ऑटो कंपनियों के लिए चुनौतियां खड़ी कर गया. Federation Of Auto Dealers Association of India (FADA) के आंकड़ों के मुताबिक महीने के आधार पर अक्टूबर में गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन 5.11 परसेंट बढ़ा है, जबकि सालाना आधार पर इसमें 24 परसेंट की गिरावट रही है. 


अक्टूबर में गाड़ियों की बिक्री में रही सुस्ती 


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FADA के आंकड़े


1. अक्टूबर में 2-व्हीलर्स की बिक्री में 26.82 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई है
2. इस दौरान 3-व्हीलर्स की बिक्री 64.50% परसेंट गिरी है
3. कमर्शियल व्हीकल की बिक्री अक्टूबर के महीने में 30.32 परसेंट गिरी है  
4. पैसेंजर व्हीकल 1की बिक्री में भी 8.80 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई है 
5. सिर्फ ट्रैक्टर सेगमेंट ही इकलौता है जिसमें 55.53 परसेंट की बढ़ोतरी दर्ज हुई है 


फीकी रही ये नवरात्री


FADA के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी का कहना है कि 'मासिक आधार पर अक्टूबर में पॉजिटिव मोमेंटम दिखा लेकिन सालाना आधार पर इसमें गिरावट जारी रही. इस साल अक्टूबर में 9 दिनों की नवरात्री में गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन में तेजी देखी गई, लेकिन पिछले साल की नवरात्री और दिवाली के मुकाबले कम ही रही, क्योंकि दोनों ही त्योहार अक्टूबर में पड़े थे.'  उन्होंने कहा कि पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में नए लॉन्च की डिमांड जारी रही, जबकि 2 व्हीलर सेगमेंट में खरीदारी कमजोर रही.  FADA के आंकड़ों के मुताबिक छोटे कमर्शिल व्हीकल की डिमांड में बढ़ोतरी हुई है, अब ये कोरोना संकट के पहले वाली स्थिति की ओर लौटने लगे हैं. लेकिन मीडियम और हैवी कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट की डिमांड में कमजोरी जारी रही.


ऑटो सेक्टर में डिमांड बढ़ाने के लिए FADA ने सरकार से इनसेंटिव आधारित स्क्रैपेज पॉलिसी जल्द से जल्द लागू करने की अपील की है. FADA का कहना है कि 'सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए जल्द से जल्द फंड रिलीज करना चाहिए, ताकि डिमांड में तेजी आए और गाड़ियों का प्रोडक्शन भी बढ़े.' FADA का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर से भी कस्टमर्स सचेत हैं. यूरोपीय देशों में लागू लॉकडाउन की वजह से भारतीय बाजारों में स्पेयर पार्ट्स की सप्लाई में दिक्कत आ सकती है. इस वित्त वर्ष इनवेंटरी लेवल भी काफी ज्यादा है. 


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