BOB New Rule: इस सरकारी बैंक ने बदला बड़ा नियम, जान लीजिए वरना नहीं कर पाएंगे ट्रांजैक्शन
Bank Of Baroda Cheque Rule Change: अगर आप बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda- BoB) के कस्टमर हैं तो आपके लिए बेहद जरूरी खबर है. BoB ने बड़े नियम में बदलाव कर दिया है. आइये जानते हैं लेटेस्ट अपडेट.
Bank Of Baroda cheque rule change from 1 Aug: अगर आप भी बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda- BoB) के ग्राहक हैं तो ये खबर जरूर पढ़ लें. BoB 1 अगस्त से चेक संबंधि नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. अब बैंक ऑफ बड़ौदा के ग्राहकों के लिए पॉजिटिव पे कन्फर्मेशन (Positive Pay Confirmation) नियम लागू हो जाएगा. यानी अब अब बैंक ऑफ बड़ौदा के ग्राहकों को 5 लाख रुपये से अधिक के चेक में सभी जानकारी को वेरिफाइड करने से पहले बैंक को इलेक्ट्रॉनिक रूप से पुष्टि करनी होगी.
बैंक ने दी जानकारी
बैंक ऑफ बड़ौदा के ग्राहक को कहा है, 'चेक को लाभार्थियों को सौंपने से पहले उसका डिटेल देना होगा ताकि बैंक बिना किसी पुष्टिकरण कॉल के 5 लाख के चेक को भुगतान के लिए प्रस्तुत कर सके.' बैंक सर्कुलर के अनुसार, '01.08.2022 से पॉजिटिव पे कन्फर्मेशन को 05 लाख और उससे अधिक के चेक के लिए अनिवार्य किया जाएगा. अगर कंफर्मेशन नहीं होता है तो चेक को वापस किया जा सकता है.'
बैंक ने दी ये सुविधा
इसके साथ ही पॉजिटिव पे कंफर्मेशन के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा ने ग्राहकों के लिए वर्चुअल मोबाइल नंबर 8422009988 की सुविधा भी दी है. इस नए नियम के तहत सीपीपीएस लिखने के बाद अकाउंट नंबर, चेक नंबर, चेक डेट, चेक अकाउंट, ट्रांजेक्शन कोड, पेयी के नाम के साथ 8422009988 पर भेजने पर कंफर्मेशन होगा. इसके अलावा ग्राहक टोल फ्री नंबर 1800 258 4455 और 1800 102 4455 पर फोन किया जा सकता है.
पॉजिटिव पे सिस्टम क्या है?
पॉजिटिव पे सिस्टम चेक ट्रंकेशन सिस्टम के तहत चेक की क्लियरिंग में फ्रॉड से सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए है. चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक को क्लियर करने की एक प्रक्रिया है. यह चेक के कलेक्शन की प्रक्रिया को तेज बना देता है. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन आफ इंडिया (NPCI) चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) में पॉजिटिव पे सुविधा बैंकों को उपलब्ध करा रहा है.
कैसे काम करता है पॉजिटिव पे सिस्टम?
इस सिस्टम के जरिए चेक की जानकारी SMS, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग और एटीएम (ATM) के माध्यम से दी जा सकती है. चेक की पेमेंट करने से पहले इन जानकारियों की दोबारा जांच की जाएगी. अगर इसमें कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो बैंक उस चेक को रिजेक्ट कर देंगे. यहां अगर दो बैंक का मामला है यानी जिस बैंक का चेक काटा गया है और जिस बैंक में चेक डाला गया है, तो दोनों को इस बारे में जानकारी दी जाएगी.
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