Share Market: लुढ़कता रुपया भी देगा कमाई का मौका! Basant Maheshwari ने इन सेक्टर के शेयर पर जताया भरोसा
Basant Maheshwari Share Tips: इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाए जाने के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार नए निचले स्तर की तरफ बढ़ा है. हालांकि दुनिया की अधिकतर मुद्राओं में डॉलर के मुकाबले दबाव का रुख बना हुआ है.
Basant Maheshwari Portfolio: पिछले काफी टाइम से डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट देखने को मिल रही है. रुपये में गिरावट का सिलसिला काफी वक्त से जारी है और रुपये ने अब अपना सबसे निचला स्तर भी छू लिया है. विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर में लगातार मजबूती और निवेशकों के बीच जोखिम से दूर रहने की प्रवृत्ति हावी रहने से शुक्रवार को रुपया 30 पैसे की गिरावट के साथ 81.09 रुपये प्रति डॉलर के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ. अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में भारतीय रुपया डॉलर के आगे पहली बार 81 रुपये का स्तर भी पार कर गया. इस बीच मार्केट एक्सपर्ट बसंत माहेश्वरी (Basant Maheshwari) ने आशंका जताई है कि डॉलर के मुकाबले रुपया और गिर सकता है.
रुपये में गिरावट
23 सितंबर शुक्रवार को एक समय में रुपया 81.23 के स्तर तक लुढ़क गया था. बाद में रुपया 30 पैसे टूटकर 81.09 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ. पिछले गुरुवार 22 सितंबर को ही रुपया एक ही दिन में 83 पैसे का गोता लगाते हुए 80.79 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर रहा था. वहीं पिछले तीन कारोबारी दिनों में रुपये की कीमत 124 पैसे प्रति डॉलर तक गिर चुकी है. इस बीच बाज़ार विशेषज्ञ और BM Vision 2030 Smallcase के Founder Basant Maheshwari ने ज़ी न्यूज़ डिजिटल से विशेष बातचीत में बताया कि रुपये में और गिरावट आ सकती है. वहीं इसकी गिरावट का फायदा शेयर मार्केट में कुछ सेक्टर्स को मिल सकता है.
इन सेक्टर से उम्मीद
बसंत माहेश्वरी का कहना है कि US Dollar Index (DXY) ने पिछले एक साल में 19% की बढ़त हासिल की है. वहीं रुपये में 11 फीसदी की गिरावट आई है. इसमें 8% का अंतर है, जिसे जल्द ही भरा जा सकता है और 8 फीसदी तक रुपया और गिर सकता है. डॉलर कमाने वाले एसेट पर पर नजर रखें. इन एसेट में आईटी और फार्मा सेक्टर से जुड़े निर्यातक शामिल हो सकते हैं. ऐसे शेयर आने वाले वक्त में मुनाफा दे सकते हैं.
इस कारण रुपये पर दबाव
बता दें कि विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि यूक्रेन में हालात बिगड़ने की आशंका और अमेरिका-ब्रिटेन में ब्याज दरें बढ़ाए जाने से रुपये पर दबाव बढ़ा है. इसके अलावा विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की स्थिति मजबूत होने और घरेलू स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट का रुख रहने से भी रुपया दबाव में आया है.
(डिस्कलेमर : किसी भी तरह का निवेश करने से पहले एक्सपर्ट से जानकारी कर लें. जी न्यूज किसी भी तरह के निवेश के लिए आपको सलाह नहीं देता.)
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