नई दिल्ली : मोबाइल पर बातचीत के दौरान कॉल कटने (कॉल ड्रॉप) की समस्या के मद्देनजर दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि सरकार इस मुद्दे के समाधान के लिए दूसंचार कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि दूरसंचार कंपनियों को सुनिश्चित करना होगा कि कॉल ड्राप ‘न्यूनतम’ हो और उन्हें अपनी प्रणाली को मजबूत बनाना होगा।


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प्रसाद ने राजग सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने के उपलक्ष में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,‘ कॉल ड्राप को न्यूनतम करने की जरूरत है। निजी कंपनियों को अपनी प्रणाली को चुस्त दुरूस्त करना होगा। मैंने (इस गड़बड़ी के लिए) विभाग के अधिकारियों से कंपनियों को ‘ हतोत्साहित करने वाली व्यवस्था’ तैयार करने को कहा है।’ मंत्री ने कहा कि अपनी भूमिका में वे यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं कि उपभोक्ताओं के हितों का ध्यान रखा जाए।


दूरसंचार सचिव राकेश गर्ग ने दूरसंचार विभाग में सदस्य (प्रौद्योगिकी) से इस मामले में काम करने को कहा है तथा जरूरत पड़ने पर इसे दूरसंचार नियामक के पास सुझाव के लिए भेजा जा सकता है। इस बारे में अंतिम फैसला अगले छह महीने में किया जा सकता है। गर्ग ने इस बारे में एक कंपनी का उदाहरण दिया जो कि काल ड्राप के बदले नि:शुल्क काल की पेशकश कर रही है।


वहीं नेट निरपेक्षता के मामले में प्रसाद ने कहा कि सरकार को रिपोर्ट मिल गई है और इसे अगले कुछ ही दिनों में दूरसंचार विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई अंतिम फैसला सरकार व मंत्रिमंडल को करना है। उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम व्यापार एवं हिस्सेदारी पर दिशा निर्देश इसी महीने के आखिर तक केंद्रीय मंत्रिमंडल को भेजे जाएंगे।