PM Kisan की 14वीं किस्त से पहले सरकार का बड़ा फैसला, इन चार राज्यों के किसान हुए खुश
Wheat Procurement: किसानों के फायदे को ध्यान में रखते हुए और घबराहटपूर्ण बिकवाली से रोकने के लिए केंद्र ने पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं खरीद के गुणवत्ता के नियमों में ढील दी है.
PM Kisan Latest News: मोदी सरकार की तरफ से किसानों के लिए तमाम तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. पिछले दिनों बेमौसम बरसात होने से भी गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है. अब किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार की तरफ से नया फैसला लिया गया है. किसानों के फायदे को ध्यान में रखते हुए और घबराहटपूर्ण बिकवाली से रोकने के लिए केंद्र ने पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं खरीद के गुणवत्ता के नियमों में ढील दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी की तरफ से यह जानकारी दी गई.
गेहूं की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाया
इन चारों ही राज्यों के कुछ हिस्सों में हाल में हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा ने गेहूं की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाया है. इन राज्यों की सरकारों की तरफ से खरीद नियमों में ढील देने की मांग की गई थी. मौजूदा समय में मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद चल रही है, जबकि अन्य राज्यों में बेमौसम बारिश के कारण इसमें देरी हुई है. एफसीआई (FCI) राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर गेहूं की खरीद करता है.
गेहूं खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने बताया, 'क्षेत्रीय सर्वेक्षण के बाद पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी है. इससे किसानों की कठिनाई को कम किया जा सकेगा और उन्हें गेहूं की संकटपूर्ण बिक्री करने से बचाया जा सकेगा.’ उन्होंने कहा कि सरकार ने छह प्रतिशत की मौजूदा सीमा के मुकाबले 18 प्रतिशत तक सिकुड़े और टूटे हुए अनाज की सीमा में छूट दी है. उन्होंने कहा कि 6 प्रतिशत तक सूखे और टूटे अनाज वाले गेहूं पर कोई मूल्य कटौती लागू नहीं होगी.
इस तरह के गेहूं पर नहीं होगी कटौती
10 प्रतिशत तक बगैर चमक वाले गेहूं पर मूल्य कटौती लागू नहीं होगी, 10 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक चमक हानि वाले गेहूं पर एकसमान आधार पर 5.31 रुपये प्रति क्विंटल की मूल्य कटौती की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके अलावा क्षतिग्रस्त और थोड़ा क्षतिग्रस्त अनाज दोनों को मिलाकर छह प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. सिंह ने आगे कहा कि भंडारण के दौरान शिथिल मानदंडों के तहत खरीदे गए गेहूं के स्टॉक की गुणवत्ता में कोई गिरावट की राज्य सरकारों की पूरी जिम्मेदारी होगी.
10 अप्रैल तक 13.20 लाख टन गेहूं की खरीद
केंद्र ने इन राज्य सरकारों से किसानों को भुगतान करते समय 2,125 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य से लगाए गए मूल्य में कटौती करने को कहा है. उत्तर प्रदेश सरकार की भी इसी तरह की मांग पर विचार किया जा रहा है. सरकार ने 10 अप्रैल तक 13.20 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जिसमें ज्यादातर खरीद मध्य प्रदेश से की गई है. खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इसी अवधि में पंजाब में करीब 1,000 टन जबकि हरियाणा में 88,000 टन गेहूं की खरीद हुई है.
पंजाब और हरियाणा में कम खरीद के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, 'बेमौसम बारिश के कारण खरीद में देरी हुई. आवक ज्यादा नहीं थी और इसलिए खरीद ज्यादा नहीं हुई. हालांकि, अगले कुछ दिन में गेहूं की खरीद बढ़ेगी.'
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