Black Money in Swiss Bank: स्विस बैंक ने भारत को दी अकाउंट होल्डर्स की सूची, ब्लैक मनी रखने वालों के चेहरे से हटेगा नकाब
Swiss Bank: स्विट्जरलैंड में काला धन रखने वाले बहुत सारे लोगों के चेहरों से अब नकाब हट सकेगा. स्विस बैंकों ने इस प्रकार की चौथी सूची भारत सरकार को भेज दी है.
Swiss Bank on Black Money: स्विट्जरलैंड के बैंकों में काला धन रखने वाले अमीरों के खिलाफ सरकार को फिर बड़ी सफलता मिली है. सरकार के आग्रह पर स्विस बैंकों ने एक बार फिर भारतीय अकाउंट होल्डर्स की सूची जारी की है. भारत को मिल चुकी इस प्रकार की यह चौथी लिस्ट है. इसमें कई ट्रस्टों और कंपनियों के खाते भी शामिल है. सरकार ने इन खाता धारकों की लिस्ट सार्वजनिक नहीं की है क्योंकि इससे जांच पर विपरीत असर पड़ सकता है.
34 लाख अकाउंट होल्डर्स की सूची जारी
रिपोर्ट के मुताबिक स्विट्जरलैंड ने भारत समेत 101 देशों को 34 लाख अकाउंट होल्डर्स की लिस्ट शेयर की है. इनमें भारत के भी सैकड़ों लोगों के खाते शामिल हैं. स्विट्जरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (FTA) ने कहा कि भारत उन गिने-चुने देशों में शामिल है, जिसे लगातार चौथे साल अकाउंट होल्डर्स की लिस्ट भेजी गई है. FTA ने कहा कि सभी देशों को यह सूचना पिछले महीने भेजी गई थी. अब इस प्रकार की अगली सूचना सितंबर 2023 में भेजी जाएगी.
27 देशों को नहीं भेजी गई डिटेल
स्विस बैंकों (Swiss Bank) ने 101 देशों के नामों और अन्य जानकारी का खुलासा नहीं किया है. लेकिन बैंक अधिकारियों का कहना है कि भारत यह सूचना पाने वाले देशों की लिस्ट में शामिल है. रूस समेत 27 देशों को उनके अकाउंट होल्डर्स की कोई सूचना नहीं दी गई है. इसकी वजह ये बताई गई है कि उन देशों से कुछ आंकड़े मांगे गए थे लेकिन कई रिमाइंडर के बावजूद उन्होंने वे कागजात नहीं दिए, जिसके चलते उन्हें वह डिटेल नहीं दी जा सकी.
भारत को पहली सूचना 2019 में मिली थी
भारत को स्विस बैंकों (Swiss Bank) ने इस प्रकार की पहली सूची सितंबर 2019 में मिली थी. इसके लिए उसने दूसरे देशों के साथ मिलकर स्विट्जरलैंड सरकार पर दबाव डाला था. जिसके बाद स्विट्जरलैंड सरकार ने विभिन्न देशों को हर साल अपने आप अकाउंट होल्डर्स की सूची भेजने का समझौता किया. भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक स्विस बैंकों से इस प्रकार की सूचना मिल जाने से विदेश में काला धन जमा करने वाले लोगों के बारे में जानकारी मिल जाती है. साथ ही यह भी पता चल पा रहा है कि उन्होंने स्विस बैंकों में कितना धन और जेवरात रखे हुए हैं.
(एजेंसी पीटीआई)
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