Budget 2024: वैश्विक ब्रोकरेज फर्म नोमुरा इंडिया ने बजट से पहले उन पांच सेक्टरों के बारे में बताया है जिसमें सरकार फोकस कर सकती है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट पेश करेंगी. हालांकि, नोमुरा इंडिया ने इसको भी हाइलाइट किया है कि इस बार की एनडीए सरकार में बीजेपी पूर्ण बहुतम से नहीं है और वो अपने दो प्रमुख सहयोगी टीडीपी और जदयू पर निर्भर है.


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गठबंधन सरकार होने के बावजूद नोमुरा इंडिया का अनुमान है कि सरकार वित्त वर्ष 2025 के लिए अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर सकल घरेलू उत्पाद का 5% कर देगी.  यह लक्ष्य अंतरिम बजट में निर्धारित 5.1% से मामूली कमी है.


नोमुरा इंडिया ने आगामी बजट के लिए इन पांच प्रमुख फोकस क्षेत्रों की पहचान की है.


कंजप्शन लिफ्ट- उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई कर व्यवस्था के तहत करदाताओं के लिए मानक कटौती सीमा बढ़ा सकती है. इसके अलावा बैंक ब्याज से होने वाली आय पर छूट भी बढ़ा सकती है. साथ ही सरकार किसानों को दी जाने वाली वार्षिक नकद राशि 6,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये कर सकती है.


सोशल सेक्टर पर फोकस - बजट में ग्रामीण क्षेत्र की योजनाओं पर खर्च बढ़ने की संभावना है. ग्रामीण सड़कों और रोजगार के लिए अधिक आवंटन के साथ-साथ आवास सब्सिडी में भी वृद्धि हो सकती है.


रिपोर्ट में सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम को 12,100 करोड़ रुपये (जीडीपी का 0.04%) तक बढ़ाने और महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण कार्यक्रम, जिसे लखपति दीदी के नाम से जाना जाता है, के नवीनीकरण का भी सुझाव दिया गया है.


मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा - नोमुरा इंडिया के मुताबिक, सरकार घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना जारी रखेगी. बजट में सार्वजनिक खरीद के लिए न्यूनतम स्थानीय सामग्री आवश्यकता में वृद्धि की घोषणा की जा सकती है.  इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स ग्लोबल वैल्यू चेन पर 2019 की राष्ट्रीय नीति में बदलाव किया जा सकता है.


बुनियादी ढांचा - सार्वजनिक पूंजी व्यय सरकार की आर्थिक रणनीति का एक मुख्य पहलू बने रहने की उम्मीद है. नोमुरा इंडिया का मानना ​​है कि अंतरिम बजट में पेश कुल पूंजीगत व्यय खर्च को सकल घरेलू उत्पाद के 3.4% से बढ़ाकर 3.5% किया जा सकता है.


वहीं, राज्यों की मांग को देखते हुए सरकार बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के तहत ट्रांसफर राशि बढ़ा सकती है.


मीडियम टर्म इकोनॉमिक विजन - चुनाव के बाद पहले बजट के तौर पर सरकार मीडियम टर्म इकोनॉमिक विजन की आर्थिक दृष्टि और सुधार एजेंडे को पेश कर सकती है. नोमुरा इंडिया के मुताबिक, सरकार 2047 तक भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए अपना दृष्टिकोण पेश करेगी और इसे अगले पांच वर्षों में लक्ष्यों में तब्दील करेगी.


डिस्क्लेमर: ज न्यूज किसी भी तरह का निवेश का सलाह नहीं देता है. किसी भी तरह का निवेश करने से पहले अपने एक्सपर्ट से संपर्क करें.