Pakistan-India Trade: कंगाल पाकिस्तान भारत के अपना व्यापार बढ़ाने की कोशिश में लगा हुआ है. पाकिस्तान के व्यापार जगत के लोगों ने देश के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से व्यापार तथा वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ व्यापार वार्ता शुरू करने का आग्रह किया है. शरीफ के साथ एक संवाद सत्र में उन्होंने यह आग्रह किया, जिससे नकदी संकट से जूझ रहे देश की अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा.


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पाकिस्तान के कराची में सिंध सीएम हाउस में बुधवार को एक घंटे की बैठक के दौरान कई बड़े सवाल उठे. कराची के बिजनेस कम्युनिटी ने आर्थिक मुद्दों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री के दृढ़ संकल्प की सराहना की, लेकिन साथ ही उन्हें अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए राजनीतिक स्थिरता लाने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह भी दी.


बिजनेस टायकून के साथ की बैठक


न्यूजपेपर ‘डॉन’ की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने निर्यात के जरिए अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के तरीके तलाशने के लिए बिजनेस कम्युनिटी के साथ बैठक की है.  हालांकि, उनके संकल्प को उद्योग जगत के लोगों की आशंकाओं का सामना करना पड़ा, जिन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में खासकर उच्च ऊर्जा लागत और असंगत सरकारी नीतियां के साथ व्यापार करना ‘‘लगभग असंभव’’ है.


कई फैसलों के आए हैं अच्छे रिजल्ट


व्यापार जगत के लोगों ने सरकार के हालिया कदमों की सराहना की, लेकिन और अधिक कदम उठाने की मांग की. उन्होंने अच्छे रिजल्ट हासिल करने के लिए आर्थिक नीतियों पर प्रस्ताव भी शेयर किए हैं. कैपिटल मार्केट की दिग्गज कंपनी आरिफ हबीब समूह के प्रमुख आरिफ हबीब ने कहा है कि कार्यभार संभालने के बाद आपने कुछ समझौते किए हैं, जिनके अच्छे रिजल्ट आए हैं. 


भारत के साथ बिजनेस शुरू करने की गुजारिश


खबर में कहा गया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से भारत के साथ व्यापार वार्ता शुरू करने के लिए भी कहा. उन्होंने कहा है कि मेरा सुझाव है कि आप कुछ और समझौते करें. उनमें से एक भारत के साथ व्यापार को लेकर है, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा. दूसरा आपको अदियाला जेल के निवासी के साथ भी (हाथ मिलाना) करना चाहिए. उस स्तर पर भी चीजों को ठीक करने का प्रयास करें और मुझे विश्वास है कि आप यह कर सकते हैं. 


अगस्त 2019 में खत्म हुए थे व्यापार संबध


भारत के पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध टूट गए. भारत के फैसले पर पाकिस्तान की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई जिसने राजनयिक संबंधों को कम कर दिया और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया. पाकिस्तान ने भारत के साथ सीधे व्यापार संबंध भी खत्म कर दिए. (भाषा)