Income Tax News: गलती से `न्यू टैक्स रिजीम` कर दिया सिलेक्ट, कट रहा मोटा Tax; अब क्या है ऑप्शन?
Investment Certificate: न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स से राहत देने के लिए अपर लेवल, वाइड टैक्स स्लैब और कम टैक्स रेट किये गए. न्यू टैक्स रिजीम के तहत यदि आपकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख तक है तो आपको किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा.
Tax Regime News: साल 2023 खत्म होने वाला है और नया साल शुरू होने में पांच दिन का समय बचा है. साल के अंत में अधिकतर कंपनियां कर्मचारियों से टैक्स सेविंग के लिए इनवेस्टमेंट सर्टिफिकेट (Investment Certificate) देने के लिए कहती हैं. आपकी कंपनी ने भी शायद इस बारे में ई-मेल जारी करके सूचना मांगी होगी. अगर नहीं तो आपका यह चेक करना जरूरी है कि ऐसा क्यों है? दरअसल, इस साल के बजट से वित्त मंत्रालय ने 'न्यू टैक्स रिजीम' को सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए डिफॉल्ट ऑप्शन बना दिया. ऐसे में यदि आपने कंपनी को टैक्स रिजीम के बारे में नहीं बताया तो आपसे न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) के तहत आयकर लगेगा.
7.5 लाख रुपये तक की आमदनी पर टैक्स नहीं
दरअसल, न्यू टैक्स रिजीम को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्रालय ने 1 फरवरी 2023 को पेश बजट में न्यू टैक्स रिजीम की लिमिट को बढ़ा दिया था. न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स से राहत देने के लिए अपर लेवल, वाइड टैक्स स्लैब और कम टैक्स रेट किये गए. न्यू टैक्स रिजीम के तहत यदि आपकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख तक है तो आपको किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा. यदि आप इस साल बहाल किये गए 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को जोड़ते हैं तो 7.5 लाख रुपये तक की आमदनी पर टैक्सबेल इनकम वाले शख्स को जीरो आयकर का भुगतान करना होगा.
हायर सैलरी पर ओल्ड टैक्स रिजीम बेहतर
न्यू टैक्स रिजीम सिलेक्ट करने के बाद आप ओल्ड टैक्स रिजीम में मिलने वाली कर कटौतियों और छूट के लिए योग्य नहीं रह जाते. ऐसे में यह जानकारी जरूरी है कि आपने न्यू टैक्स रिजीम को सिलेक्ट किया है या ओल्ड टैक्स रिजीम को? यदि आपने वित्त मंत्रायल की तरफ से दी जाने वाली टैक्स रिबेट स्कीम में निवेश किया है तो ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत हायर सैलरी पर भी इनकम टैक्स बचाया जा सकता है. यदि आपने इस बारे में अपनी कंपनी को नहीं बताया तो वे पहले ही न्यू टैक्स रिजीम के तहत आपका टैक्स काट चुके होंगे. एक बार टैक्स रिजीम का सिलेक्शन करने के बाद आप इसे वित्तीय वर्ष के बीच में नहीं बदल सकते. काफी टैक्सपेयर्स के साथ इस तरह की प्रॉब्लम सामने आ रही है.
गलत सिलेक्शन पर बचने का तरीका!
यदि आपने गलती से न्यू टैक्स रिजीम को सिलेक्ट कर लिया है तो इससे भी बचने का तरीका है. एक्सपर्ट के अनुसार टैक्सपेयर अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान ओल्ड टैक्स रिजीम को सिलेक्ट कर सकते हैं. इसके अनुसार रिटर्न फाइल करने पर आपका कटा हुआ टैक्स पैन से लिंक्ड खाते में वापस आ जाएगा. यदि आपके एम्पलॉय की तरफ से किसी प्रकार का एक्सट्रा टैक्स काटा गया है तो आप आईटीआर में इसका दावा करके रिफंड प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि आपको यह ध्यान रखना जरूरी है कि कुछ छूट का दावा आईटीआर फाइल करते समय नहीं कर सकते. एलटीए के लिए छूट का दावा नहीं किया जा सकता. हालांकि एचआरए छूट का दावा कर सकते हैं.
ओल्ड टैक्स रिजीम क्या है?
ओल्ड टैक्स स्लैब में ढाई लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होता. ढाई लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 5 प्रतिशत टैक्स देने का प्रावधान है. लेकिन सरकार की तरफ से इस पर 12,500 रुपये की छूट दी जाती है. सीधा सा हिसाब यह हुआ कि ओल्ड टैक्स रिजीम में 5 लाख तक की आमदनी पर आपको किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ता था.
न्यू टैक्स रिजीम क्या है?
न्यू टैक्स रिजीम सरकार की तरफ से पेश की गई नई आयकर प्रणाली है. यह टैक्स रिजीम पुराने इनकम टैक्स सिस्टम से अलग है. इसमें टैक्स स्लैब और टैक्स रेट दोनों ही कम हैं. न्यू टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये तक की आमदनी पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता. इसके अलावा इसमें 50000 रुपये का स्टैंटर्ड डिडक्शन भी मान्य है. यदि आप एनपीएस में 50000 रुपये सालाना का निवेश करते हैं तो यह छूट 8 लाख रुपये हो जाती है.