Byjus Resignation: जबरन लोगों को नौकरी से निकाला! फिर बायजू के CEO ने लिखा भावुक मैसेज
Raveendran Byju’s: बायजू ने एकबार फिर कई कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है. उसके बाद कंपनी के सीईओ ने अपने कर्मचारियों को ऐसा मैसेज लिखा. जिसे आपको भी पड़ना चाहिए.
BYJU's Resignation: दुनिया की बड़ी एडटेक कंपनियों में शामिल बायजू की वर्तमान आर्थिक स्थिती खराब चल रही है. कंपनी हर कुछ महीनों के अंतराल पर अपने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है. हाल ही में बायजू के सीईओ ने कहा है कि कंपनी 2,500 कर्मचारियों यानी 5 प्रतिशत की छंटनी कर रही है. ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ दिनोंदिन कम हो रही है, जिससे कंपनी का मुनाफा भी कम हो रहा है. इस वजह से कर्मचारियों को नौकरी से निकालकर इस घाटे की पूर्ति की जा रही है. जिससे कंपनी प्रॉफिट में रह सकें. आपको बता दें कि कंपनी पर इसलिए भी दबाव है कि कंपनी में कई विदेशी बैंकों ने निवेश कर रखा था, जिसे अब फॉरेन बैंक वापस निकाल रही है और इसी वजह से कंपनी आने वाले समय में शेयर मार्केट से पैसे उगाही के लिए IPO लाने की तैयारी कर रही है. ऐसे में कंपनी घाटे में नहीं रह सकती. कंपनी के सीईओ ने कर्मचारियों को दिया भावुक करने वाला मैसेज.
कंपनी की तरफ से आया मेल
कंपनी के सीईओ बायजू रविंद्रन ने कहा कि टीम में कई लोगों को छंटनी हो रही है. उसका मुझे वास्तव में दुख है. उन्होंने भावुक करने वाला मैसेज लिखा जिसमें कहा कि आप कंपनी के 5 फीसदी कर्मचारी नहीं बल्कि आप मेरे पांच प्रतिशत हैं. आपको बता दें कि बायजूस में लगभग 2500 कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है.
बायजू ने रखी अपनी बात
छंटनी की खबरें आने के बाद बायजू की तरफ से बयान जारी किया गया, जिसमें बताया गया है कि ये बात बिल्कुल झूठी है कि लोगों को जबरन कंपनी से निकाला जा रहा है. बायजू एक जिम्मेदार कंपनी है और सभी कानूनों का पालन करती है. वर्तमान में लगभग 50 हजार लोगों को कंपनी ने रोजगार दे रखा है. लाभ को बनाए रखने और आगे के काम करने के लिए विशेष रणनीतिक योजना के तहत 5 फीसदी यानी 2500 पदों को युक्तिसंगत बनाया जा रहा है.
केरल में भी हुई छंटनी
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि कंपनी की तरफ से छंटनी की कोई लिखित सूचना नहीं मिली है. पिछले वीक HR डिपार्टमेंट ने एम्प्लाइज को स्वयं से इस्तीफा देने को कहा था. तिरुवनंतपुरम ऑफिस में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को निकाला गया, जिसके बाद इस मामले को मीडिया ने कवर किया फिर कंपनी पर दबाव बनने लगा तो कुछ कर्मचारियों को स्थानांतरण करने का विकल्प दे दिया गया.
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