Byjus News: जिस बायजू ने बच्चों की पढ़ाई का तरीका बदल दिया. जिस एडुटेक प्लेटफॉर्म बायजू ने अपने पढ़ाई के तरीके से हजारों करोड़ का साम्राज्य खड़ा कर लिया. अब यही बायजू कंगाली के कगार पर है. कंपनी की इस हश्र के लिए सीईओ रवींद्रन और उनके परिवार को ठहराया जा रहा है. आज  शुक्रवार को कंपनी के शेयरधारकों ने सीईओ और उनके परिवार को बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स से बाहर करने के लिए वोट किया.


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लेकिन बायजू मंच का संचालन करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न (टी एंड एल) ने इस मतदान को ‘अमान्य’ बताते हुए इसे नकार दिया. कंपनी के निदेशक मंडल में फिलहाल रवींद्रन, उनकी पत्नी एवं सह-संस्थापक दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजु रवींद्रन शामिल हैं. कंपनी के छह निवेशकों ने रवींद्रन एवं उनके परिजनों के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाई थी. लेकिन अंत में 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले शेयरधारकों ने बैठक में लाए गए प्रस्तावों के पक्ष में मत दिए.


लेकिन कंपनी ने इस बैठक में सिर्फ 20 प्रतिशत शेयरधारकों के ही शामिल होने और उनके पास सामूहिक रूप से 47 प्रतिशत हिस्सेदारी होने का दावा किया. रवींद्रन और उनका परिवार ईजीएम को ‘प्रक्रियात्मक रूप से अमान्य’ बताते हुए इससे दूर रहा. रवींद्रन और उनके परिवार के पास कंपनी में 26.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है. ईजीएम बुलाने वाली एक प्रमुख निवेशक कंपनी प्रोसस ने बयान में कहा, 'शेयरधारकों ने मत के लिए रखे गए सभी प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. इनमें बायजू में संचालन, वित्तीय कुप्रबंधन और अनुपालन मुद्दों के समाधान के लिए अनुरोध, निदेशक मंडल का पुनर्गठन और कंपनी के नेतृत्व में बदलाव शामिल है.'


घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने कहा कि ईजीएम सुबह 9.30 बजे ही शुरू होने वाली थी लेकिन इसमें एक घंटे की देर हुई. दरअसल बायजू के कुछ कर्मचारियों समेत करीब 200 शेयरधारकों ने ऑनलाइन माध्यम से इस बैठक का हिस्सा बनने की मंजूरी मांगी थी. भले ही ईजीएम में रवींद्रन और उनके परिजनों को कंपनी के निदेशक मंडल से हटाने के पक्ष में मतदान हुआ है लेकिन इस बैठक का नतीजा 13 मार्च तक लागू नहीं होगा. दरअसल कर्नाटक उच्च न्यायालय उस दिन ईजीएम बुलाने के कुछ निवेशकों के कदम को चुनौती देने वाली रवींद्रन की याचिका पर सुनवाई करेगा.


हालांकि उच्च न्यायालय ने थिंक एंड लर्न (टीएंडएल) में सामूहिक रूप से 32 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले शेयरधारकों द्वारा बुलाई गई ईजीएम पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया था. लेकिन उसने कहा था कि बैठक में पारित कोई भी प्रस्ताव अगली सुनवाई तक प्रभावी नहीं होगा. इस बीच, ईजीएम का नतीजा घोषित होने के पहले ही बायजू ने एक बयान जारी करते हुए प्रस्तावों को अमान्य और अप्रभावी बताया. कंपनी ने कहा, 'ईजीएम में चुनिंदा शेयरधारकों का एक छोटा समूह शामिल है. इसमें लागू न हो सकने वाले प्रस्तावों को पारित करना कानून के शासन को चुनौती देने का काम करते हैं.


ईजीएम होने से पहले बायजू के चार निवेशकों ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की बेंगलुरु पीठ के समक्ष कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ गड़बड़ी और कुप्रबंधन को लेकर बृहस्पतिवार शाम को एक अर्जी लगाई. इस आवेदन में रवींद्रन सहित संस्थापकों को कंपनी चलाने के अयोग्य घोषित करने और नया निदेशक मंडल नियुक्त करने का आग्रह किया गया है. इसके अलावा हाल ही में जारी राइट इश्यू को भी अमान्य घोषित करने का अनुरोध किया गया है.


याचिका में कंपनी के फॉरेंसिक ऑडिट और प्रबंधन को निवेशकों के साथ जानकारी साझा करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है. इस समूचे घटनाक्रम पर बायजू की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि कुछ चुनिंदा शेयरधारकों द्वारा पारित प्रस्ताव प्रक्रियागत खामियों एवं गड़बड़ियों की वजह से अमान्य हो जाते हैं. कंपनी ने ईजीएम में किसी एक संस्थापक-निदेशक की मौजूदगी न होने से जरूरी सांगठनिक नियमों का उल्लंघन भी बताया.


बायजू ने बयान में कहा, 'संस्थापकों का मानना है कि इस कथित ईजीएम को ‘मीडिया ट्रायल’ करने के लिए आयोजित किया गया था और मूल रूप से इसमें कोई दम नहीं है. इसे कंपनी और उसके संस्थापकों के खिलाफ एक एजेंडे के तहत कुछ चुनिंदा शेयरधारकों ने अंजाम दिया है.' महामारी काल में अभूतपूर्व तेजी से बढ़ी बायजू को पिछले एक साल में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. इनमें ऑडिटर का इस्तीफा, ऋणदाताओं द्वारा एक होल्डिंग कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करना और अमेरिका में ऋण की शर्तों एवं पुनर्भुगतान से संबंधित मुकदमा दायर होना शामिल है. इस कंपनी का उद्यम मूल्यांकन 2022 में 22 अरब डॉलर था लेकिन हाल ही में जारी राइट इश्यू में इसका उद्यम मूल्य सिर्फ 20 करोड़ डॉलर आंका गया है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)