नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्‍थान महाभियान (कुसुम) योजना को शुरू करने की मंजूरी दे दी. इस योजना के लिए केंद्र सरकार 34,422 करोड़ रुपये का वित्त उपलब्ध कराएगी. इसका मकसद 2022 तक 25.75 गीगावाट की सौर ऊर्जा क्षमताओं का दोहन कर किसानों को वित्तीय और जल सुरक्षा उपलब्ध कराना है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह निर्णय किया गया. 


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प्रस्तावित योजना के तहत नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों से 10,000 मेगावाट के भूमि के ऊपर बनाए गए विकेन्‍द्रीकृत ग्रिडों को जोड़ने, 17.50 लाख सौर ऊर्जा चालित कृषि पंपों को लगाने और 10 लाख ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा चालित कृषि पंपों का सौरकरण करने का काम किया जाना है. इस योजना का लक्ष्‍य 2022 तक 25,750 मेगावाट सौर क्षमता को जोड़ना है. इस योजना के अंतर्गत केन्‍द्र सरकार 34,422 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.


इस योजना से कार्बन डाईआक्‍साइड में कमी आएगी और वायुमंडल पर सकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा. योजना के तीनों घटकों को सम्मिलित करने में पूरे वर्ष में कार्बन डाईआक्‍साइड उत्‍सर्जन में 2.7 करोड़ टन की कमी आएगी.ब सौर कृषि पंपों से प्रतिवर्ष 1.2 अरब लीटर डीजल की बचत होगी. इससे कच्‍चे तेल के आयात में खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी.


इस योजना में रोजगार के प्रत्‍यक्ष अवसरों को सृजित करने की क्षमता है. स्‍व–रोजगार में वृद्धि के साथ इस योजना से कुशल व अकुशल श्रमिकों के लिए 6.31 लाख रोजगार के नए अवसरों के सृजन होने की संभावना है.


(इनपुट-भाषा)