Canada Student Visa: खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के मुद्दे पर भारत और कनाडा के बीच शुरू हुए तनाव में अब एक नया अध्याय जुड़ गया है. हालांकि कनाडा ने खासतौर पर भारत को लेकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन जो छात्रों के लिए वीजा नियमों का जो ऐलान किया है, उनका असर भारत पर भी होने वाला है. नए नियमों के तहत कनाडा ने छात्र वीजा में 35 फीसदी की कटौती की है. साल 2023 में कनाडा ने 5.79 छात्र वीजा जारी किए थे, लेकिन इस साल यानी 2024 में ये घटकर 3.64 लाख रह जाएगा.  कनाडा में बढ़ रही हाउसिंग प्राइस और बढ़ती महंगाई के चलते जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता पर असर पड़ रहा था. ऐसे में सरकार ने अगले दो सालों के लिए स्टूडेंट वीजा नियमों में बड़ा बदलाव किया है. कनाडा सरकार ने हाउसिंग संकट से निपटने के लिए नए इंटरनेशनल छात्र वीजा पर तत्काल दो साल के लिए कैपिंग लगा दी है.  


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भारतीय छात्रों पर असर  
4 करोड़ की आबादी वाले कनाडा में 9 लाख से अधिक विदेशी छात्र हैं, जिसमें भारतीय छात्रों की हिस्सेदारी 37% है. विदेशी छात्रों के कारण कनाडा में पैदा हुए हाउसिंग संकट से निपटने के लिए सरकार ने वीजा कैपिंग का फैसला किया. कनाडा सरकार के इस फैसले से भारतीय छात्रों पर असर होने वाला है. सीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा में 340000 से अधिक भारतीय छात्र हैं.  कनाडा जाकर पढ़ने वाले इन भारतीय छात्रों की संख्या में कमी आएगी.  हर साल 10 लाख से करीब इंटरनेशनल स्टूडेंट्स वहां पहुंचते हैं. ये छात्र कनाडा की इकोनॉमी में बड़ा रोल निभाते है. अब बाहरी छात्रों की संख्या पर कैपिंग का असर कनाडा की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.  


कनाडा की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर  


कनाडा ने हमेशा से ओपन इमिग्रेशन पॉलिसी रखी है. दुनियाभर से छात्र कनाडा पढ़ने आते हैं. ये छात्र कनाडा की अर्थव्यवस्था में बड़ी भागीदारी निभाते है. IRCC की रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी छात्र कनाडा की इकोनॉमी में  22.3 अरब डॉलर का योगदान देते हैं. विदेशों से आने वाले छात्रों से कनाडा के बैंकों को मोटी रकम हासिल होती है. कनाडा आकर पढ़ने वाले छात्रों को GIC यानी गारंटी इनकम सर्टिफिकेट देना होता है. हर साल ये करीब 20 हजार कैनेडियन डॉलर के करीब होता है. इतना ही नहीं विदेशों से कनाडा पढ़ने आने वाले छात्रों की वजह से वहां के हाउसिंग सेक्टर, रिटले सेक्टर को बूस्ट मिलता है. कनाडा आकर पढ़ने वाले छात्र वर्क परमिट के चलते यहां पढ़ाई के साथ-साथ काम कर पाते है. जिसके चलते यहां के रिटेल स्टोर्स, रेस्टोरेंट्स सेक्टर को यंग वर्कफोर्स मिल जाता है.विदेशी छात्र कनाडा के फूड इंडस्ट्री में 4.6 फीसदी वर्कफोर्स की हिस्सेदारी रखते हैं. ऐसे में विदेशी छात्रों की संख्या पर कैपिंग से कनाडा की इकोनॉमी पर असर पड़ेगा. 


भारत दे सकता है कितने का झटका  


 कनाडा आकर पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में 37 फीसदी हिस्सेदारी भारतीयों की है. भारतीय छात्र कनाडा की इकोनॉमी में बड़ी हिस्सेदारी निभाते है. कनाडा जाकर पढ़ने वाले छात्र अपने साथ बड़ा निवेश लेकर जाते हैं. कनाडाई छात्रों के मुकाबले बाहरी छात्रों से 4 से 5 गुना अधिक फीस वसूली जाती है. भारतीय छात्र कनाडा की इकोनॉमी में हर साल अरबों डॉलर का कंट्रीब्यूशन करते हैं. ऐसे में कनाडा के इस फैसले से उसकी इकोनॉमी पर असर पड़ेगा.