Tomatoes Price Hike: सरकार ने दी राहत, अब 60 रुपये किलो बिकेगा टमाटर; जानिए आप कैसे खरीद सकते हैं?
Tomatoes Price in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर में टमाटर का रेट बढ़कर 100 से 120 रुपये किलो तक पहुंच गया है. जिस पर अब लगाम लगाने के लिए सरकार ने पहल शुरू कर दी है. सरकार की पहल के तहत टमाटर अब 60 रुपये किलो की दर से मिलेगा.
Tomatoes Price: खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने टमाटर की कीमत में लगाम लगाने और आम आदमी को राहत देने के मकसद से दिल्ली-एनसीआर में 60 रुपये किलो के रेट पर टमाटर की बिक्री शुरू की. एक सरकारी बयान के अनुसार एनसीसीएफ (NCCF) की वैन, सब्सिडाइज रेट पर टमाटर उपलब्ध कराएगी. टमाटर दिल्ली के साथ-साथ नोएडा और गुरुग्राम में भी बेचा जाएगा. केंद्र ने रिटेल मार्केट में टमाटर की बढ़ती कीमत को स्थिर करने के लिए यह पहल की है.
टमाटर की कीमत पर रोक लगाने के लिए पहल
मीडिया से बातचीत में जोशी ने कहा कि उपभोक्ता मामलों के विभाग ने प्रमुख शहरों, खासकर दिल्ली में टमाटर की कीमत में उछाल को रोकने के लिए यह पहल शुरू करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, ‘आज से सब्सिडी वाले टमाटर 60 रुपये किलो पर बेचा जाएगा.’ राजधानी में सब्जी वाले टमाटर को 70-100 रुपये किलो के रेट से बेच रहे हैं. जोशी ने कहा कि केंद्र ने बढ़ती खाद्य कीमत को स्थिर करने और ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) की स्थापना की है.
जरूरी वस्तुएं सीधे किसानों से खरीदी जाती हैं
उन्होंने कहा, ‘जब भी कोई स्थिति बनती है तो जरूरी चीजों की कीमत बढ़ जाती है और हम वस्तुओं की खरीद के लिए पीएसएफ का उपयोग करते हैं. ये जरूरी वस्तुएं सीधे किसानों से खरीदी जाती हैं, जिससे बिचौलियों की लागत कम होती है और ग्राहकों को उपलब्धता सुनिश्चित होती है.’ मंत्री ने कहा कि पीएसएफ का इस्तेमाल नहीं किया गया क्योंकि टमाटर सीधे मंडियों से खरीदे गया है. उन्होंने कहा कि इस पहल से टमाटर की कीमतों में कमी आएगी, बाजार में स्थिरता आएगी और कस्टमर को रियायती दर पर टमाटर उपलब्ध होंगे.
NCCF ने बाजार हस्तक्षेप शुरू किया
रिटेल मार्केट में टमाटर की बढ़ती कीमत को स्थिर करने के लिए एनसीसीएफ (NCCF) ने बाजार हस्तक्षेप शुरू किया है. महासंघ, थोक मंडियों से टमाटर खरीद रहा है और उन्हें उचित खुदरा कीमतों पर बेच रहा है. इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खुदरा स्तर पर लाभ मार्जिन उचित रहे और बिचौलियों को अप्रत्याशित लाभ न मिले और इस तरह उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो. बयान में कहा गया है कि इस हस्तक्षेप के ज़रिये, एनसीसीएफ का उद्देश्य मूल्यवृद्धि को कम करना और बाज़ार में मूल्य स्थिरता बनाए रखना है. (इनपुट भाषा से भी)