GST मुआवजे को लेकर नहीं बनी बात, सरकार ने कहा जारी करेंगे 20,000 करोड़
गैर-बीजेपी शासित राज्य GST मुआवजे की मांग को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. सोमवार को हुई काउंसिल की बैठक में इस पर कोई सहमति नहीं बनी. अब 12 अक्टूबर को फिर से मुआवजे को लेकर बैठक होगी.
नई दिल्ली: GST मुआवजे को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के बीच विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. सोमवार को हुई GST काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम राज्यों को मुआवजा देने से मना नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीती सोमवार रात को ही राज्यों को 20,000 करोड़ रुपये रिलीज कर दिए जाएंगे.
GST काउंसिल की अगली बैठक 12 अक्टूबर को होगी, जिसमें राज्यों के मुआवजे को लेकर फिर से चर्चा की जाएगी.
राज्यों को मिलेगा 20,000 करोड़
GST काउंसिल की 42वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'जहां तक राज्यों के मुआवजे की बात है, हमने अबतक जो भी इकट्ठा किया है वो 20,000 करोड़ रुपये आज रात (बीती सोमवार रात) को बांट दिए जाएंगे.' अप्रैल से जुलाई के बीच राज्यों का GST मुआवजा 1.51 लाख करोड़ रुपये का है.
'मुआवजा देने से मना नहीं कर रहे'
GST मुआवाज नहीं देने से नाराज राज्यों के आरोपों पर सीतारमण ने कहा कि हम राज्यों को मुआवजे की राशि देने से इनकार नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई है. ऐसी स्थिति की पहले किसी ने कल्पना नहीं की थी. मौजूदा हालात इस तरह के नहीं हैं कि केंद्र सरकार फंड पर कब्जा करके बैठी है, और देने से इनकार कर रही है. हमें फंड हर हाल में उधार लेना होगा.
कम IGST पाने वाले राज्यों को अगले हफ्ते फंड
GST काउंसिल की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जिन राज्यों को वित्त वर्ष 2017-18 के लिए IGST का कम अंशदान मिला है, उन्हें केंद्र सरकार 24,000 करोड़ रुपये जारी करेगी. जिन राज्यों को अतिरिक्त IGST मिला है, उनसे वापस लिया जाएगा. हालांकि वित्त मंत्री ने उन राज्यों के नाम नहीं बताए.
2022 के बाद भी जारी रहेगा सेस
वित्त मंत्री ने बताया कि GST मुआवजा सेस 2022 के बाद भी जारी रखने के प्रस्ताव को काउंसिल की बैठक में मंजूरी मिली है. उन्होंने कहा कि रेवेन्यू में आई कमी को पूरा करने के लिए मुआवजा सेस 5 साल के ट्रांजिशन पीरियड जो कि जून 2022 है, इसके बाद भी जारी रखा जाएगा. GST ढांचे में टैक्स की वसूली 5, 12, 18 और 28 परसेंट स्लैब में होती है. इसमें भी 28 परसेंट के साथ लग्जरी चीजों जैसे कार और सिगरेट वगैरह पर लगने वाला सेस जारी रहेगा.