China Economic Crisis: पहले रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांड, फिर दूसरा बड़ा रियल एस्टेट डेवलपर, कंट्री गार्डन और अब चीन की शैडो बैंकिंग फर्म Zhongzhi Enterprise Group दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है. चीनी शैडो बैंकिंग कॉन्गलोमरेट Zhongzhi की ओर से जैसे ही बैंकरप्सी फाइल की गई. इस खबर के आते ही चीनी बाजार में हड़कंप मच गया. चीनी शेयर बाजार में बड़ी बिकवाली शुरू हो गई. निवेशकों ने अरबों डॉलर से ज्यादा के निवेश डूब गए. चीन की हालत यह है कि एमर्जिंग मार्केट इक्विटी बेंचमार्क में चीन की हिस्सेदारी रिकॉर्ड लो लेवल पर पहुंच चुकी है.  


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डूब रहा चीन  


चीन की इकॉनमी कोरोना के बाद से ही संघर्ष कर रही है. अलग-अलग चुनौतियों का सामना कर रहा चीन का रियल एस्टेट गहरे संकट से घिर गया है. रियल एस्टेट कंपनिया दिवालिया हो रही है. रियल एस्टेट संकट की चपेट में बैंकिंग सेक्टर भी आ गया है. कामधंधा चौपट हो रहा है इसलिए बेरोजगारी चरम पर है. विदेशी कंपनियां चीन से अपना बोरिया-बिस्तर समेट रही हैं तो वहीं अमेरिका से विवाद आग में घी डालने का काम कर रहा है.  चीन की आर्थिक सेहत का असर उसके शेयर बाजार पर पड़ रहा है. 


डूब गए 4  ट्रिलियन डॉलर


चीन की लगातार बिगड़ती हालात के चलते विदेशी निवेशक चीन में अपना निवेश घटा रहे हैं। गिरते बाजार और निवेशकों की नाराजगी के चलते साल 2021 से चीन के शेयर बाजार को चार ट्रिलियन डॉलर से अधिक झटका लग चुका है. हालात ये है कि बीते साल चीन का शेयर बाजार दुनिया का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला बाजार बन गया. जिस तरह से चीनी कंपनियों की हालात और इकोनॉमी को लेकर अनुमान है, उससे उम्मीद की जा रही है कि इस साल भी इसकी हालात में कोई बदलाव नहीं होगा. 


दिवालिया हो रही चीन की कंपनियां 


बीते कुछ महीनों में चीन की कई रियल एस्टेट कंपनियां दिवालिया हो चुकी है. बीते शुक्रवार को चीन की शैडो बैंकिंग फर्म Zhongzhi Enterprise Group ने  बैंकरप्सी के लिए फाइल कर दिया. कंपनी ने कहा कि उसके पास इतनी भी संपत्ति नहीं है कि वो अपना बकाया चुका सके. ये कंपनी चीन में बड़े प्रॉपर्टी डेवलपर्स को फाइनेंस करती हैं.  इससे पहले एवरग्रांड और कंट्री गार्डन जैसी बड़ी कंपनियां दिवालिया हो चुकी है.ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक खराब प्रदर्शन, निवेशकों की बढ़ती बेरुखी और लगातार बढ़ते कैपिटल आउटफ्लो के चलते चीनी बाजार गिर रहा है.  अब तो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मान चुके ही कि चीन की हालात खराब है.