Hdfc Bank : प्राइवेट सेक्‍टर के द‍िग्‍गज एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) अपनी सर्व‍िस के कारण लोगों के बीच काफी लोकप्र‍िय है. लेक‍िन पंजाब सरकार (Punjab Government) के जल संसाधन विभाग ने कर्मचारियों से एचडीएफसी में खाता खुलवाने से मना कर द‍िया है. इतना ही नहीं ज‍िनका एचडीएफसी में पहले से खाता है उनसे भी इसे बंद कराने की बात कही गई है. आप सोच रहे होंगे आख‍िर ऐसा क्‍या मामला है जो पंजाब सरकार को यह कदम उठाना पड़ रहा है.


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22 अगस्‍त को जारी क‍िया गया आदेश
दरअसल, सरकार के  जल संसाधन विभाग को कुछ खनन से जुड़े ठेकेदारों (Mining Contractors) के कारण कर्मचार‍ियों को यह आदेश देना पड़ा. उन्‍हें बैंक गारंटी जारी की गई थी. राज्‍य सरकार के कर्मचार‍ियों को यह आदेश 22 अगस्‍त 2022 (सोमवार) को जारी क‍िया गया है. प्रधान सचिव ने आदेश देते हुए बताया क‍ि कुछ एग्‍जीक्‍यूटिव इंजीन‍ियर और जिला खनन अधिकारियों को एक अहम बात की जानकारी म‍िली है.



इसल‍िए ल‍िया गया यह फैसला
प्रधान सच‍िव की तरफ से जारी पत्र में कहा गया क‍ि एचडीएफसी बैंक ने कुछ माइनिंग कॉन्‍ट्रैक्‍टर्स को बैंक गारंटी जारी की थी. इन ठेकेदारों ने प्रदेश सरकार को भुगतान करने में डिफॉल्‍ट किया है. विभाग से जुड़े अध‍िकारी जब बैंक गारंटी को भुनाने पहुंचे तो बैंक ने ब‍िना क‍िसी कारण के ऐसा करने से इंकार कर द‍िया. इसी आधार पर यह फैसला लिया गया है कि अब एचडीएफसी बैंक में कोई अकाउंट नहीं रखा जाएगा.


अपनी पसंद के दूसरे बैंक में सैलरी अकाउंट खुलवा लें
ऐसे कर्मचारी ज‍िनका सैलरी अकाउंट एचडीएफसी में है, उनसे इस अकाउंट को बंद कराने की अपील की गई है. कर्मचारियों से यह भी कहा गया क‍ि वे अपनी पसंद के किसी दूसरे बैंक में सैलरी अकाउंट खुलवा लें. जल संसाधन विभाग की तरफ से सभी चीफ इंजीन‍ियर्स, एग्‍जीक्‍यूटिव इंजीन‍ियर्स, सिप्रिंटेंडिंग इंजीन‍ियर्स को यह आदेश दिया गया है.



एचडीएफसी बैंक का पक्ष
इस पूरे मामले में एचडीएफसी बैंक की तरफ से जारी बयान में कहा गया क‍ि गारंटी की शर्तों के अनुसार अपने सभी भुगतान दायित्वों को पूरा करने के लिए बैंक प्रतिबद्ध है. खनन ठेकेदारों की तरफ से जारी बैंक गारंटियों से संबंधित मामले के संबंध में भी बैंक ने अपने सभी भुगतान दायित्वों का पालन किया है. बैंक ने कहा क‍ि एक विशिष्ट मामले में अदालती आदेश के तहत एचडीएफसी बैंक को लाभार्थी को भुगतान करने से रोक द‍िया गया था. मामला अदालत में विचाराधीन है, अगले आदेश तक केवल उस केस में क‍िसी प्रकार का भुगतान नहीं करने के ल‍िए बाध्‍य हैं.


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