दीपक तलवार मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, दिल्ली स्थित 120 करोड़ का होटल जब्त
प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को कहा कि उसने विमानन लॉबिस्ट दीपक तलवार के खिलाफ धनशोधन मामले में अस्थायी रूप से 120 करोड़ रुपये मूल्य के हॉलीडे इन होटल को जब्त कर लिया है.
नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को कहा कि उसने विमानन लॉबिस्ट दीपक तलवार के खिलाफ धनशोधन मामले में अस्थायी रूप से 120 करोड़ रुपये मूल्य के हॉलीडे इन होटल को जब्त कर लिया है. एजेंसी ने कहा, 'होटल दिल्ली के एयरोसिटी में स्थित है और इसका मूल्य करीब 120.20 करोड़ रुपये के आसपास है.' ईडी ने एक बयान में कहा, 'तलवार के खिलाफ धनशोधन अधिनियम के तहत जांच, केंद्रीय जांच ब्यूरो के द्वारा नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय उड्डयन निगम लिमिटेड, एयर इंडिया और अन्य निजी लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर की जा रही है.'
तलवार को 272 करोड़ रुपये का भुगतान किया
जांच एजेंसी ने कहा, 'यह खुलासा हुआ है कि दीपक तलवार कथित रूप से एमिरेट्स, एयर अरबिया, कतर एयरवेज के लिए राजनेता, मंत्री, अन्य नौकरशाहों और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों के साथ अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए अपने पक्ष में माहौल बनाने (लॉबिइंग) का काम करता था.' एजेंसी ने कहा, 'उसने एयर इंडिया की कीमत पर वर्ष 2008-09 के दौरान इन विमानन कंपनियों के लिए उनकी पसंद के यातायात अधिकार का प्रबंध किया.' एजेंसी के अनुसार, जांच से खुलासा हुआ कि इसके बदले विमानन कंपनियों ने 2008-09 में तलवार को 272 करोड़ रुपये का भुगतान किया.
बयान के अनुसार, 'इन पैसों के कुछ हिस्से को बैंक ऑफ सिंगापुर में एम/एस एशियाफील्ड लिमिटेड नामक कंपनी में जमा करवाया गया, जोकि ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड में पंजीकृत है और दीपक तलवार के स्वामित्व वाली कंपनी है.' बयान के अनुसार, 'अपराध के तहत जुटाई गई इस धनराशि को अंतर्राष्ट्रीय राशि हस्तांतरण की श्रंखला के जरिए जुटाया गया, जिसे अंत में भारत में एम/एस वेव हॉस्पिटलिटी प्राइवेट लिमेटेड के रूप में एकीकृत किया गया. यह कंपनी तलवार के बेटे आदित्य तलवार के नाम पर है और इसका नियंत्रण व स्वामित्व तलवार और उसके परिवार के सदस्यों के पास है.'
बयान के अनुसार, 'इन पैसों का तभी नई दिल्ली स्थित एयरोसिटी में हॉलीडे इन के निर्माण में इस्तेमाल किया गया.' तलवार जांच से बचने के लिए 2017 में देश से भाग गया था. उसे 31 जनवरी को दुबई के अधिकारियों ने भारत को सुपूर्द किया था. वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.