Digital Gold vs Physical Gold: डिजिटल गोल्ड या फिजिकल गोल्ड, किसे खरीदना ज्यादा फायदेमंद; समझिए पूरा गणित
Gold Price: निवेश करने के लिए गोल्ड लेना अच्छा विकल्प है. लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि आप सर्राफ के यहां से सोना खरीदना चाहते हैं या डिजिटल लोन लेना चाहते हैं. आइए समझते हैं आपके लिए कौन सा लोन विकल्प ज्यादा बेहतर रहेगा?
What is Digital Gold: भारत में किसी के पास जितना ज्यादा गोल्ड होता है, उसे उतना ही संपन्न माना जाता है. भारतीय परिवारों में डिजिटल गोल्ड की खपत ज्यादा है. इसे त्योहारों पर खरीदना शुभ माना जाता है. इसी मान्यता के कारण त्योहारी सीजन में गोल्ड के रेट बढ़ जाते हैं. भारत दुनियाभर में गोल्ड का बहुत बड़ा उपभोक्ता है. फिजिकल गोल्ड के साथ-साथ अब लोगों का डिजिटल गोल्ड की तरफ रुझान बढ़ रहा है. डिजिटल गोल्ड की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें ग्राहक को 24 कैरेट का शुद्ध सोना ऑनलाइन मिलता है.
डिजिटल गोल्ड को आप पेटीएम, गूगल पे, फोनपे या MMTC जैसे प्लेफॉर्म से खरीद सकते हैं. जानकार कई मायनों में डिजिटल गोल्ड लेना ज्यादा फायदेमंद बताते हैं. आइए जानते हैं क्यों?
डिजिटल गोल्ड के फायदे
डिजिटल गोल्ड में आप कम से कम राशि का भी निवेश कर सकते हैं. आप एक रुपये का भी डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं. साथ ही इसमें 24 कैरेट प्योरिटी वाला सोना मिलता है. इसमें सोना अपने पास रखने और इसकी सुरक्षा का झंझट नहीं होता. इसे बेचने पर तुरंत आपके अकाउंट में पैसा आ जाता है.
डिजिटल गोल्ड के नुकसान
फायदे के अलावा डिजिटल गोल्ड लेने के नुकसान भी होते हैं. डिजिटल गोल्ड पर 3 प्रतिशत का जीएसटी लगता है. यानी आप यदि 10 हजार रुपये का सोना खरीदते हैं तो आपको 10300 रुपये का भुगतान करना होता है. इसके अलावा इस पर 2-3 प्रतिशत चार्ज स्टोरेज, इंश्योरेंस और ट्रस्टी फीस के रूप में कट जाता है. इसके लिए कोई रेगुलेटर नहीं है.
हाइली लिक्विड होता है डिजिटल गोल्ड
डिजिटल गोल्ड हाइली लिक्विड होता है. इसका यूज कोलैट्रल के रूप में हो सकता है. यदि आप इसे गिरवी रखते हैं तो लोन आसानी से मिल जाता है. इसके लिए पेपर वर्क का झंझट भी नहीं रहता.
2 लाख रुपये तक की लिमिट
डिजिटल गोल्ड में इनवेस्टमेंट की लिमिट किसी भी प्लेटफॉर्म पर अधिकतम 2 लाख रुपये होती है. इसे सिक्योर्ड और इंश्योर्ड वॉलेट में रखा जाता है. कई प्लेटफॉर्म पर स्टोरेज की टाइम लिमिट होती है. कुल मिलाकर फिजिकल गोल्ड के मुकाबले डिजिटल गोल्ड में निवेश आसान होता है.
फिजिकल गोल्ड
फिजिकल गोल्ड में प्योरिटी का सबसे बड़ा झंझट होता है. यहां मिलने वाले सोने में मिलावट होती है. साथ ही आप इसे अपनी जरूरत में बेचते हैं तो इसमें टाइम लग जाता है और पूरा पैसा भी नहीं मिलता है. साथ ही इसमें सिक्योरिटी का सबसे बड़ा संकट रहता है. इसके लिए आपको बैंक लॉकर आदि का चार्ज पे करना होता है.
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