सिर्फ चीन नहीं भारत को भी झटका देने की तैयारी में डोनाल्ड ट्रंप, अगर बढ़ा टैरिफ तो छिड़ जाएगा ट्रेड वॉर, अमेरिकी सांसद के रुख से समझिए पूरी बात
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद से वैश्विक कारोबार को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. अमेरिका में सत्ता परिवर्तन और डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद न केवल इंटरनेशनल मार्केट बल्कि भारतीय कारोबार को लेकर भी स्थिति कई तरह के कयासों का दौर चल रहा है.
Donald Trump on India Tariffs: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद से वैश्विक कारोबार को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. अमेरिका में सत्ता परिवर्तन और डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद न केवल इंटरनेशनल मार्केट बल्कि भारतीय कारोबार को लेकर भी स्थिति कई तरह के कयासों का दौर चल रहा है. एक खबर जो बीते कई दिनों से अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में खलबली मचा रही है वो यह कि ट्रंप के आने के बाद भारत के एक्सपोर्ट पर 10 फीसदी का टैरिफ लगा सकता है. खबरें आ रही है कि ट्रंप प्रशासन भारतीय टैरिफ में बढ़ोतरी कर सकता है.
मतलब ये कि ट्रंप की वापसी के बाद चीन के साथ अमेरिका के निशाने पर भारत भी होगा. अगर ऐसा होता है तो न केवल चीन के साथ बल्कि भारत और अमेरिका के बीच भी नया ट्रेड वॉर शुरू हो जाएगा. दोनों देशों के बीच नई तरह की जंग शुरू हो सकती है. इसे लेकर अमेरिकी सांसद भारतीय मूल के सुहास सुब्रमण्यम ने कहा है कि वह भारत पर टैरिफ शुल्क बढ़ाने के विरोध में है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर छिड़ जाएगा.
अमेरिका के नवनिर्वाचित सांसद सुहास सुब्रमण्यम ने कहा है कि वह भारत पर शुल्क लगाने के विरोध में हैं क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा. सुब्रमण्यम ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा भारतीय निर्यात पर उच्च शुल्क लगाए जाने की संभावना है.
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं भारत पर शुल्क लगाने का समर्थन नहीं करता. मुझे लगता है कि यह सचमुच बहुत बुरा होगा. इससे व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा और मुझे नहीं लगता कि यह किसी भी देश के लिए अच्छा है. ट्रंप ने अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने से पहले भारत की शुल्क संरचना पर निशाना साधा था और चीन एवं भारत जैसे देशों पर पारस्परिक कर लगाने की बात की थी.
भारत पर टैक्स लगाने की बात
ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के साथ ही भारतीय निर्यात पर अधिक शुल्क लगने की संभावना है. सुब्रमण्यम ने कहा कि ऐसे कई व्यवसाय हैं जो भारत में वास्तव में बहुत अच्छा काम करते हैं और कई भारतीय कंपनियां अमेरिका में विस्तार कर रही हैं इसलिए हमारे देश आर्थिक रूप से जितना मिलकर काम करेंगे, हम उतने ही मजबूत होंगे. उन्होंने कहा, कि भारत सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक है और अमेरिका एवं भारत के संबंध दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. बता दें कि सुब्रमण्यम डॉ. अमी बेरा, प्रमिला जयपाल, राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना और श्री थानेदार के बाद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए छठे भारतीय-अमेरिकी हैं. इनपुट-भाषा