नई दिल्ली : दूरसंचार विभाग की एक समिति ने सीडीएमए स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिये आधार मूल्य 3,646 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रखने का सुझाव दिया है। यह दूरसंचार नियामक ट्राई की सिफारिश से 17 प्रतिशत अधिक है।


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दूरसंचार विभाग की एक आंतरिक समिति ने जो कीमत सुझाई है, वह प्रीमियम 900 मेगाहर्ट्ज बैंड के लगभग बराबर भी है। इस बैंड को अन्य जीएसएम फ्रीक्वैंसी बैंड की तुलना में ज्यादा बेहतर माना जाता है। पिछले महीने दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने प्रति मेगाहर्ट्ज आधार मूल्य 3,104 करोड़ रुपये की सिफारिश की है। यह नियामक द्वारा इस साल फरवरी में सुझाये गये मूल्य से 15 प्रतिशत अधिक है।


एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘दूरसंचार विभाग की समिति ट्राई के विचार पर गौर करने को लेकर सहमत हुई है। इसमें कहा गया है कि डेटा सेवाओं की मांग में वृद्धि तथा अनुमानित ग्राहकों की वृद्धि की अपेक्षा नहीं की जा सकती। समिति ने आरक्षित मूल्य 3,646 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रखने की सिफारिश की है।’ समिति के विचारों को अंतर-मंत्रालयी समिति दूरसंचार आयोग के समक्ष रखा जा सकता है। आयोग की बैठक आठ दिसंबर को होनी है।


सरकार ने महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, मुंबई, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, पूर्वी उत्तर प्रदेश, असम, बिहार तथा हिमाचल प्रदेश के 11 सेवा क्षेत्रों में सीडीएम स्पेक्ट्रम नीलामी का प्रस्ताव किया है। सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार आयोग द्वारा सिफारिश आरक्षित मूल्य को अंतिम निर्णय के लिये मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। 900 मेगाहर्ट्ज और 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी के साथ सीडीएमए स्पेक्ट्रम नीलामी फरवरी में प्रस्तावित है।