Crypto Currency: अवैध क्रिप्टो करेंसी से लेन देन करने वाली 20 कंपनियां वित्त मंत्रालय के राडार पर हैं. ईडी इनके खिलाफ जल्द ही अभियान शुरू कर सकती है. यह कंपनियां लोगों को लुभावने ऑफर देकर क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने के लिए उकसाती हैं. क्रिप्टो करेंसी टेरर फंडिग में मुख्य माध्यम बन कर आया है. सितंबर में होने वाली जी-20 की बैठक में यह मुद्दा जोर शोर से उठेगा. 


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वित्त मंत्रालय ने 13 मार्च को इस सिलसिले में सभी राज्यों के सीएम, मुख्य सचिव, डीजीपी, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल के साथ साथ सीबीआई और ईडी को भी इस सिलसिले में पत्र लिखा है. जी न्यूज के पास मौजूद इस पत्र में सभी कंपनियों के नाम दिए गए हैं. पत्र में इन कंपनियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत कार्रवाई कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने और जनता के बीच जागरूकता फैलाने की बात कही गई है. वित्त मंत्रालय द्वारा जारी लिस्ट में स्पैरो नेशन जैसी कंपनियां हैं. इस पत्र में वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इन कंपिनयों के खिलाफ देश भर से मिली शिकायतों के बाद इन पर नजर रखने का निर्णय लिया गया है. 



वित्त मंत्रालय ने 08 मार्च को घोषणा की कि क्रिप्टोकरंसी लेनदेन अब मनी लॉन्ड्रिंग प्रावधानों के दायरे में आएंगे.  एक अधिसूचना में, सरकार ने कहा कि आभासी डिजिटल संपत्ति से जुड़े लेन-देन में भागीदारी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत होगी.यह कदम सरकार द्वारा डिजिटल संपत्तियों की निगरानी को कड़ा करने के लिए उठाया गया नवीनतम कदम है.


राजपत्र में, मंत्रालय ने निवेशकों को "आभासी डिजिटल संपत्ति की जारीकर्ता की पेशकश और बिक्री से संबंधित वित्तीय सेवाओं में भागीदारी और प्रावधान" के खिलाफ चेतावनी दी.आयकर अधिनियम के अनुसार, 'वर्चुअल डिजिटल एसेट' किसी भी जानकारी, कोड, संख्या, या टोकन (भारतीय मुद्रा या विदेशी मुद्रा नहीं होने के कारण) को संदर्भित करता है, जो क्रिप्टोग्राफ़िक माध्यम से या अन्यथा उत्पन्न होता है और जिसे किसी भी नाम से पुकारा जा सकता है. ईडी पहले से ही क्रिप्टो कंपनियों की जांच कर रहा है, जिसमें एक्सचेंज OFX, कॉइनस्विच, कुबेर और वज़ीरएक्स शामिल हैं.



वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई मौकों पर निवेशकों को तथाकथित क्रिप्टो खिलाड़ियों के खिलाफ चेतावनी दी. सितंबर में नई दिल्ली में जी-20 बैठक के दौरान यह मुद्दा बड़े पैमाने पर उठेगा. मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के जोखिमों से निपटने के लिए वित्त मंत्री क्रिप्टोकरेंसी के वैश्विक विनियमन के लिए एक मजबूत मामला बना रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी पर एक नया कानून लाया जाएगा. यह ध्यान दिया जा सकता है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं देती है, लेकिन ऐसी आभासी डिजिटल संपत्ति से अर्जित आय पर 30 प्रतिशत कर लगाती है.


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