नई दिल्ली: कोरोना (coronavirus) से परेशान लोगों को सरकार ने लोन की ईएमआई 3 महीने हटाने का विकल्प दिया था. पब्लिक सेक्टर बैंकों ने इसे लागू करते हुए अपना काम पूरा कर लिया है. 3.2 करोड़ लोगों ने सरकारी बैंकों की EMI को तीन महीने टालने के विकल्प का फायदा लिया है. यह आंकड़े वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऑफिस ने जारी किए हैं. अभी प्राइवेट सेक्टर बैंकों का डाटा नहीं आया है.


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वहीं लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए उनके हाथ में पैसे देना जरूरी है, नकदी की समस्या दूर करना जरूरी है, इस रणनीति पर काम करते हुए अकेले मार्च अप्रैल 2020 में पब्लिक सेक्टर बैंकों ने 5.66 लाख करोड़ रुपए का लोन सैंक्शन किया है. ये लोन 41.81 लाख अकाउंट होल्डर को सैंक्शन किया गया. लॉकडाउन खुलते ही ये लोन बंटेगा और उनके हाथ में रकम पहुंचेगी. MSME, रीटेल, एग्रीकल्चर, और कॉरपोरेट सेक्टर को ये लोन दिया गया है.


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NBFC और HFC को 1.08 लाख करोड़ का लोन दिया गया है, ताकि उनका बिजनेस चलता रहे और स्थिरता आए.


वहीं 20 मार्च के बाद MSME की 27 लाख इंक्वायरी आई जिनमें से 2.37 लाख केस में लोन दिया गया है. इस लोन की रकम 26,500 करोड़ है, MSME को लोन बांटा जाना जारी है.  ये लोन इमरजेंसी के लिए और वर्किंग कैपिटल वाला है.


वित्त मंत्री के ऑफिस के मुताबिक, अब अर्थव्यवस्था रिकवर होने के लिए लिए तैयार है. वित्त मंत्री के ऑफिस का बयान वित्त मंत्री का माना जा सकता है. कोरोना से तहस-नहस हुए व्यापार के बीच इस तरह का पॉजिटिव उम्मीद वाला बयान वित्त मंत्री के हवाले से पहली बार आया है.