नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से प्रेस रिलीज जारी कर कहा गया कि एक पोंजी स्कीम मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका के चलते 209 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है. इसमें 197 करोड़ की अचल संपत्ति है, 51 बैंक अकाउंट में जमा 98 लाख रुपये और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत HDFC खाते में जमा 11 करोड़ शामिल हैं.


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9 जून को बेंगलुरू पुलिस ने दर्ज की थी FIR
बेंगलुरू पुलिस की तरफ से IMA ग्रुप ऑफ कम्पनी और इसके डायरेक्टर मोहम्मद मंसूर खान के खिलाफ 9 जून को FIR दर्ज की गई थी. ED ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की. IMA ग्रुप ऑफ कम्पनी पर आरोप है कि उसने पोंजी स्कीम के नाम पर करीब 40000 लोगों को ठगा है. मामला दर्ज होने के बाद से कंपनी का डायरेक्टर फरार बताया जा रहा है.


अब तक 20 अचल संपत्ति अटैच
FIR के मुताबिक, आरोपी मंसूर खाने छोटे इंवेस्टर्स से कहा कि वह उन्हें हर महीने 2.5 से 3 फीसदी का रिटर्न देगा. जबकि, कंपनी कोई बिजनेस नहीं कर रही  थी. अब तक मंसूर खाने के 20 अचल संपत्ति को अटैच किया गया है.


नोटबंदी के दौरान जमा किया था 44 करोड़
IMA ग्रुप ऑफ कम्पनी के 105 बैंक अकाउंट से पता चलता है कि मंसूर खान ने पोंजी स्कीम के जरिए करीब 4000 करोड़ रुपये इकट्ठा किए. बाद में इन पैसों को दूसरे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया गया और इससे अचल और चल संपत्ति खऱीदी गई. जांच के दौरान यह भी पता चलता है कि मंसूर खाने ने नोटबंदी के दौरान अलग-अलग बैंक अकाउंट पर 44 करोड़ रुपये जमा किए थे.