EPFO Big Decision: रिटायरमेंट फंड को मैनेज करने वाली संस्था EPFO ने शनिवार को नियोक्ताओं के लिए एक माफी योजना को मंजूरी दे दी है. इसके तहत उन्हें बिना किसी जुर्माने के पिछले भविष्य निधि बकाया को जमा करने की अनुमति मिलेगी. इसके अलावा EPF स्कीम 1952 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है जिसके तहत सदस्यों को निपटान की तारीख तक ब्याज का भुगतान किया जाएगा. 


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श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने केंद्र सरकार को ईपीएफओ माफी योजना 2024 की सिफारिश की. 


इस योजना को नियोक्ताओं को दंड या कानूनी नतीजों का सामना किए बिना पिछले गैर-अनुपालन या कम-अनुपालन का स्वेच्छा से खुलासा करने और बकाया जमा करने को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार किया गया है. योजना का लाभ उठाने के लिए नियोक्ताओं की ओर से एक साधारण ऑनलाइन घोषणा पर्याप्त होगी. 


सामाजिक सुरक्षा का लाभ देना मकसद


बयान में कहा गया कि इस योजना का मकसद अधिक कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ देना, नियोक्ताओं के साथ भरोसे को बहाल करना और कार्यबल के औपचारिकीकरण को बढ़ावा देना है. यह पहल रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन योजना को लागू करने में मदद करेगी, जिसकी घोषणा वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में की गई थी. 



निपटान की तारीख तक ब्याज का भुगतान


इस बीच बोर्ड ने ईपीएफ योजना 1952 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी, जिसके तहत सदस्यों को निपटान की तारीख तक ब्याज का भुगतान किया जाएगा. मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, महीने की 24 तारीख तक निपटाए गए दावे के लिए, ब्याज का भुगतान केवल पिछले महीने के अंत तक किया जाता है. इस संशोधन के चलते ईपीएफओ सदस्यों को अधिक वित्तीय लाभ होगा और शिकायतें कम होंगी. 


बोर्ड ने 28 अप्रैल, 2024 से पूर्वव्यापी प्रभाव से ईडीएलआई (कर्मचारी जमा से जुड़ा बीमा) लाभों के विस्तार की भी पुष्टि की. इस योजना के तहत मृत्यु के मामले में सदस्य के आश्रितों को 2.5 लाख रुपये से सात लाख रुपये की सीमा में बीमा कवर दिया जाता है.