Xiaomi Case: विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) की धारा 37ए के तहत नियुक्त सक्षम प्राधिकारी ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा चीनी फोन निर्माता शाओमी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पारित 5,551.27 करोड़ रुपये के जब्ती आदेश की पुष्टि की. ईडी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. ईडी के अनुसार, यह भारत में जब्ती आदेश की अब तक की सबसे अधिक राशि है जिसकी पुष्टि प्राधिकरण ने अब तक की है.


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प्राधिकरण ने जब्ती आदेश की पुष्टि करते हुए कहा कि शाओमी इंडिया द्वारा अनधिकृत तरीके से 5,551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा भारत से बाहर स्थानांतरित की गई है और इसे फेमा की धारा 37ए के प्रावधानों के अनुसार जब्त किया जा सकता है. सक्षम प्राधिकारी ने यह भी देखा कि रॉयल्टी का भुगतान भारत से विदेशी मुद्रा को स्थानांतरित करने के लिए एक उपकरण के अलावा और कुछ नहीं है और यह फेमा के प्रावधानों का घोर उल्लंघन है.


ईडी ने शाओमी इंडिया के 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त किए थे
इससे पहले ईडी ने फेमा के प्रावधानों के तहत बैंक खातों में पड़े शाओमी इंडिया के 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त किए थे.  कंपनी ने रॉयल्टी की आड़ में इस राशि को अनधिकृत रूप से विदेश में भेज दिया, जो फेमा की धारा 4 का उल्लंघन है. ईडी के अधिकारी ने कहा, "श्यओमी इंडिया चीन स्थित शाओमी समूह की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. कंपनी के बैंक खातों में पड़ी 5,551.27 करोड़ रुपये की राशि को हमने जब्त कर लिया है."


कंपनी ने रॉयल्टी की आड़ में 5,551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा तीन विदेशी संस्थाओं को भेजी है, जिसमें एक शाओमी समूह की इकाई भी शामिल है. इतनी बड़ी रकम उसके चीनी मूल समूह की संस्थाओं के निर्देश पर भेजी गई थी. दो अन्य यूएस-आधारित असंबंधित संस्थाओं को प्रेषित राशि भी शाओमी समूह की संस्थाओं के अंतिम लाभ के लिए थी.


ईडी ने कहा कि कंपनी ने विदेशों में पैसा भेजते समय बैंकों को भ्रामक सूचनाएं भी मुहैया कराईं.


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