Monthly Economic Review: महंगाई दर ने रिकॉर्ड बनाया तो वित्त मंत्रालय ने सुनाई गुड न्यूज, बताया-कब आएगी कमी
Consumer Inflation: मंत्रालय की तरफ से जुलाई में जारी गई मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि घरेलू खपत और निवेश की मांग से वृद्धि बने रहने की उम्मीद है. चालू वित्त वर्ष में सरकार की तरफ से पूंजीगत व्यय के लिए बढ़ाए गए प्रावधान से प्राइवेट इनवेस्टमेंट में बढ़ोतरी हो रही है.
Inflation Rate: पिछले कुछ समय से महंगाई के आंकड़ों में चल रही उठा-पटक के बीच वित्त मंत्रालय की तरफ से बयान आया है. फाइनेंस मिनिस्ट्री की तरफ से कहा गया कि खाद्य पदार्थों की महंगाई दर अस्थायी रहने की संभावना है. इसका कारण यह कि आने वाले समय में सरकार के एहतियाती कदम और ताजा फसलों की आवक से कीमत में गिरावट आएगी. हालांकि वैश्विक अनिश्चितता और घरेलू व्यवधान (Domestic Disturbance) आने वाले महीनों में महंगाई के दबाव को बढ़ा सकते हैं.
15 महीने के रिकॉर्ड लेवल पर महंगाई दर
मंत्रालय की तरफ से जुलाई में जारी गई मासिक आर्थिक समीक्षा (Monthly Economic Review) में कहा गया कि घरेलू खपत और निवेश की मांग से वृद्धि बने रहने की उम्मीद है. चालू वित्त वर्ष में सरकार की तरफ से पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) के लिए बढ़ाए गए प्रावधान से प्राइवेट इनवेस्टमेंट में बढ़ोतरी हो रही है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) आधारित खुदरा महंगाई दर जुलाई 2023 में 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई.
कीमतों का दबाव जल्द कम होने की संभावना
हालांकि, मुख्य महंगाई दर 39 महीने के निचले स्तर 4.9 प्रतिशत पर रही. मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि अनाज, दालों और सब्जियों के दाम में जुलाई में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में दोहरे अंक का इजाफा देखा गया. घरेलू उत्पादन में व्यवधान ने भी महंगाई पर दबाव बढ़ा दिया. मंथली इकोनॉमिक रिव्यू के अनुसार, सरकार ने खाद्य महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं. इसके बाद ताजा फसल के बाजार में आने से कीमतों का दबाव जल्द ही कम होने की संभावना है.
खाद्य पदार्थों में कीमत का दबाव अस्थायी रहने की उम्मीद है. मंत्रालय ने कहा कि टमाटर, हरी मिर्च, अदरक और लहसुन जैसी वस्तुओं की कीमतें 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ीं. इसलिए कुछ विशिष्ट वस्तुओं की कीमतों में असामान्य वृद्धि के कारण जुलाई 2023 में खाद्य महंगाई दर ज्यादा रही.