FPI Investment: जिस रफ्तार से भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, उसी तरह से विदेशी निवेशकों का भरोसा भी भारतीय बाजारों पर बढ़ रहा है. भारत निवेश के लिए विदेशी निवेशकों ने उत्साह दिखाया है. इसी उत्साह का नतीजा है कि भारत में विदेशी निवेश रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया है. भारतीय बाजारों पर विदेशी निवेशकों के विश्वास का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एफपीआई ने इस साल अब तक देश में 1.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक का किया निवेश किया है.


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भारत पर बढ़ रहा विदेशी निवेशकों का भरोसा  


 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में शुद्ध रूप से 3,39,066 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है. सरकार के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में एफपीआई ने अब तक 1,71,248 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने (26 सितंबर तक) भारतीय इक्विटी में 48,822 करोड़ रुपये की लिवाली की है. 


हाल ही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती से उत्साहित होकर एफपीआई लगातार बाजार में लिवाल बने हुए हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का तेजी से बढ़ता आईपीओ बाजार इसकी आर्थिक मजबूती का भी प्रमाण है, क्योंकि हुंडई और एलजी जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां अब देश में सूचीबद्ध होने का विकल्प चुन रही हैं. 


IPO बना रहे हैं रिकॉर्ड 


वित्त वर्ष 2023-24 में आईपीओ की संख्या 66 प्रतिशत बढ़कर 272 हो गई. यह वित्त वर्ष 2022-23 में 164 थी. इसी अवधि के दौरान आईपीओ से जुटाई गई राशि 24 प्रतिशत बढ़कर 54,773 करोड़ रुपये से 67,995 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, सितंबर में आईपीओ की संख्या 14 साल का रिकॉर्ड तोड़ने वाली है. यह बदलाव वैश्विक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में भारत के बढ़ते महत्व की पुष्टि करता है. सीधे तौर पर खरीदारी का विकल्प चुनने की बजाय ये कंपनियां भारत के अनूठे कारोबारी माहौल में सहयोग के रणनीतिक मूल्य को पहचानते हुए स्थानीय कंपनियों के साथ तेजी से साझेदारी की तलाश कर रहे हैं.


 तीन बढ़ चुका है बाजार  


दुनिया के चौथे सबसे बड़े शेयर बाजार के साथ भारत में दैनिक औसत नकदी-व्यापार का स्तर कोरोना काल से पहले के स्तर से तीन गुना बढ़ गया है. मंत्रालय के अनुसार, यद्यपि विदेशी पोर्टफोलियो में हाल ही में मंदी देखी गई है, लेकिन भारत के उच्च रिटर्न वाले बाजार और मजबूत विकास क्षमता निवेशकों को आकर्षित कर रही है. जेपी मॉर्गन के पूंजी बाजार के वैश्विक प्रमुख केविन फोले ने कहा कि उच्च तरलता के कारण खुदरा क्षेत्र की खरीदारी में और अधिक विदेशी निवेश आने की उम्मीद है.