FPI Investment: पलट गया खेल, धरी रह गई चीन की सारी चतुराई...दो हफ्ते में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में डाले 22,766 करोड़
बीते कुछ महीनों से भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों की बिकवाली बड़ी चिंता बनी हुई थी. विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे थे. शेयर बाजार लगातार टूट रहा था. चीन ने भी इसमें बड़ी चाल चली. राहत पैकेज का ऐलान कर चीन ने विदेशी निवेशकों को अपने बाजार की ओर आकर्षित किया.
FPI Inflow: बीते कुछ महीनों से भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों की बिकवाली बड़ी चिंता बनी हुई थी. विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे थे. शेयर बाजार लगातार टूट रहा था. चीन ने भी इसमें बड़ी चाल चली. राहत पैकेज का ऐलान कर चीन ने विदेशी निवेशकों को अपने बाजार की ओर आकर्षित किया. चीन के बड़ी राहत पैकेज की वजह से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल कर चीनी बाजार में लगाने लगे, लेकिन अब गेम पलट गया है. चीन की चाल अब उल्टी पड़ने लगी है. चीन का गेम काम नहीं कर पाया है. विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार पर भरोसा बढ़ने लगा है.
भारतीय बाजार लौटे विदेशी निवेशक
विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में वापसी कर रहे हैं. दिसंबर के पहले दो हफ्तों ने एफपीआई 22 करोड़ के आंकड़े को पार कर दिया है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय बाजार में वापसी की है. दिसंबर के पहले दो सप्ताह में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 22,766 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
बाजार से पैसा निकाल रहे थे विदेशी निवेशक
इससे पहले नवंबर में एफपीआई ने भारतीय बाजार से 21,612 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की भारी निकासी की थी. अक्टूबर की निकासी का आंकड़ा सबसे खराब रहा था. दिलचस्प तथ्य यह है कि सितंबर में एफपीआई का प्रवाह के लिए नौ माह के उच्चस्तर 57,724 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था. यह विदेशी निवेशकों के निवेश के रुख में अस्थिरता को दर्शाता है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, ताजा प्रवाह के साथ 2024 में अबतक शेयरों में एफपीआई का निवेश 7,747 करोड़ रुपये रहा है.
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक, प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, आगे चलकर भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों का प्रवाह कई प्रमुख कारकों पर निर्भर करेगा. इनमें डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा राष्ट्रपति के रूप में लागू की गई नीतियां, मौजूदा मुद्रास्फीति और ब्याज दर की स्थिति और भू-राजनीतिक परिदृश्य शामिल है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारतीय कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे और आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर देश की प्रगति भी निवेशक धारणा को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने इस महीने अबतक (13 दिसंबर तक) शेयरों में शुद्ध रूप से 22,766 करोड़ रुपये का निवेश किया है