G20 Summit 2023: दुनिया की आर्थिक शक्तियों के समूह का शिखर सम्मेलन शुरू हो गया है. इस साल के जी-20 सम्मेलन में पहले दिन कई मुद्दों पर चर्चा हुई है. जी20 सम्मेलन (G20 countries) में नेताओं ने दुनियाभर में बढ़ रही महंगाई पर भी चर्चा की है. जी20 नेताओं ने कहा कि वस्तुओं की बढ़ती कीमतें जीवनयापन की लागत पर दबाव डाल रही हैं और उन्होंने कृषि, फूड और फर्टिलाइजर (agriculture, food, fertilizers) सेक्टर को लेकर कई बड़े फैसले लिए हैं. 


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जी20 बैठक में बताया गया है कि इन सभी सेक्टर को खुले, निष्पक्ष, पूर्वानुमानयोग्य और नियम-आधारित व्यापार को सुविधाजनक बनाने का फैसला लिया है. इसके साथ ही प्रासंगिक WTO नियमों के अनुरूप निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाने की प्रतिबद्धता जताई है. 


विकासशील देश करेंगे मदद 
यहां जी20 देशों की नई दिल्ली घोषणा को अपनाते हुए सदस्य देशों ने विकासशील देशों की खाद्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के प्रयासों और क्षमताओं का समर्थन करने की भी प्रतिबद्धता जताई है. उन्होंने किफायती, सुरक्षित, पौष्टिक और स्वस्थ आहार तक पहुंच को सक्षम बनाने और पर्याप्त भोजन के अधिकार की प्रगतिशील प्राप्ति को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई है. 


जारी हुआ है घोषणापत्र
घोषणापत्र में कहा गया है कि हम खाद्य सुरक्षा और पोषण पर जी20 डेक्कन उच्च-स्तरीय सिद्धांतों 2023 के अनुरूप सभी के लिए वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसे प्राप्त करने के लिए सदस्य देशों ने छह उच्च-स्तरीय सिद्धांतों के लिए प्रतिबद्धता जताई, जिसमें भोजन और उर्वरकों में खुले और मुक्त व्यापार को सुविधाजनक बनाना शामिल है.


इसमें कहा गया है कि संबंधित डब्ल्यूटीओ नियमों के मुताबिक, खुले, निष्पक्ष, पूर्वानुमानित और नियम-आधारित कृषि, खाद्य और उर्वरक व्यापार को सुविधाजनक बनाने, निर्यात निषेध या प्रतिबंध नहीं लगाने और बाजार विकृतियों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.


भारत में गेहूं-चावल निर्यात पर लगी रोक
भारत ने खाद्य मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए गेहूं और चावल की कुछ किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. मुक्त व्यापार के अलावा, जी 20 नेताओं ने खाद्य मूल्य अस्थिरता से बचने और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए कृषि बाजार सूचना प्रणाली (AMIS) और ग्रुप ऑन अर्थ ऑब्जर्वेशन ग्लोबल एग्रीकल्चरल मॉनिटरिंग (GEOGLAM) के तहत दो और वस्तुओं, उर्वरक और वनस्पति तेलों पर ध्यान रखने के लिए प्रतिबद्धता जताई.


गेहूं समेत इन अनाजों पर लिया ये फैसला 
कृषि मुख्य वैज्ञानिकों (MACS) की 12वीं जी20 बैठक में जी20 सदस्यों की भागीदारी के परिणामों का स्वागत करते हुए, सदस्य देशों ने मोटे अनाज, क्विनोआ, ज्वार और अन्य पारंपरिक जैसे जलवायु-सहिष्णु और चावल, गेहूं और मक्का सहित फसल सहित अन्य पौष्टिक अनाज पर अनुसंधान सहयोग को मजबूत करने के प्रयासों को प्रोत्साहित करने पर सहमति व्यक्त की है. 


रिकॉर्ड लेवल से नीचे हैं कीमतें
इसके अलावा, जी20 नेताओं ने पाया कि ग्लोबल खाद्य और ऊर्जा की कीमतें अपने चरम उच्च स्तर से घट गई हैं, लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितताओं को देखते हुए, खाद्य और ऊर्जा बाजारों में उच्च स्तर की अस्थिरता की संभावना बनी हुई है. इस संदर्भ में उन्होंने खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा के व्यापक आर्थिक प्रभावों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर उनके प्रभाव पर जी20 रिपोर्ट पर भी ध्यान दिया. 


पौष्टिक भोजन कराया जाएगा उपलब्ध
महिलाओं की खाद्य सुरक्षा, पोषण और कल्याण को सुरक्षित करने पर जोर देते हुए घोषणा में कहा गया है कि हम समावेशी, टिकाऊ और जलवायु सहिष्णु कृषि और खाद्य प्रणालियों में निवेश को प्रोत्साहित करेंगे. स्कूली भोजन कार्यक्रमों में सुलभ, किफायती, सुरक्षित और पौष्टिक भोजन और स्वस्थ आहार का समर्थन करेंगे.


भूख और कुपोषण को किया जाएगा खत्म
इसमें कहा गया है कि वे भूख और कुपोषण को समाप्त करने के लिए नवीन वित्तपोषण उपकरणों और सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों का लाभ उठाकर लिंग-उत्तरदायी और आयु-संवेदनशील पोषण और खाद्य प्रणाली के हस्तक्षेप का समर्थन करने के अलावा महिला किसानों द्वारा और उनके लिए समावेशी कृषि-मूल्य श्रृंखलाओं और प्रणालियों के लिए नवाचार को बढ़ावा देने पर सहमत हुए. इसके साथ ही महिलाओं की खाद्य सुरक्षा और पोषण व्यक्तिगत और सामुदायिक विकास की आधारशिला है क्योंकि यह महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके बच्चों, परिवार और समुदाय की सामान्य भलाई की नींव रखता है.


इनपुट - भाषा एजेंसी