Garlic Price Hike: कुछ समय के लिए आपको लहसुन की चटनी और लहसुन तड़के जैसे मेन्यू से दूर रखना होगा, क्योंकि प्याज के बाद लहसुन के दाम आसमान छू रहे हैं. रिटेल मार्केट में लहसुन के दाम 300 से 400 रुपये किलो पहुंच गए हैं. जानकारों की मानें तो लहसुन की कीमतें पहले से ही बहुत ज्यादा हैं और आगे भी बढ़ सकती हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि इस साल लहसुन की फसल खराब हुई है. इसकी वजह से आपूर्ति में कमी आई है और मांग बढ़ गई है. महाराष्ट्र में अब मुंबई के थोक व्यापारी गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान से लहसुन खरीद रहे हैं. इससे रसद लागत और बाकी स्थानीय शुल्क बढ़ गए हैं. इसका असर लहसुन की कीमतों पर पड़ रहा है.


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लहसुन की कीमतों में उछाल


लहसुन की कमी के कारण, पिछले कुछ हफ्तों में इसकी कीमत में बढ़ोतरी हो गई है. व्यापारिक लोगों का मानना है कि यह स्थिति जल्दी सुधरने की संभावना नहीं है. लहसुन की कीमतों में अभी भी कोई कमी नहीं है.


कंज्यूमर्स को नए मूल्यों से भी परेशानी हो रही है, क्योंकि पिछले महीने इसे 100-150 प्रति किलोग्राम से ज्यादा के लिए बेचा जा रहा था, और अब यह 150-250 प्रति किलोग्राम के बीच है. इस बदलाव ने रिटेल कीमत को 300 से 400 प्रति किलोग्राम तक बढ़ा दिया है.


कम आ रहे ट्रक


थोक बाजार में लहसुन की आवक कम हो गई है. पहले हर दिन 25 से 30 वाहन लहसुन लेकर आते थे, लेकिन अब केवल 15 से 20 वाहन ही आ रहे हैं. दक्षिणी राज्यों से तो लहसुन की आवक लगभग बंद हो गई है. एपीएमसी व्यापारियों के मुताबिक, ऊटी और मालापुरम से लहसुन की आपूर्ति में भारी गिरावट आई है. इससे महंगाई बढ़ गई है.


क्यों बढ़ रहे दाम


लहसुन की कीमतें बढ़ने की दो वजह हैं. एक वजह है कि मानसून में अच्छी बारिश नहीं हुई, जिससे लहसुन की फसल कम हुई. दूसरी वजह है कि अक्टूबर और नवंबर में बेमौसम बारिश के कारण कई हिस्सों में फसल बर्बाद हो गई. व्यापारियों के मुताबिक, नई फसल को बाजार में आने में अभी समय लगेगा. ऐसे में तब तक कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है.