सुबह 5 बजे आया एक Email और चली गई नौकरी, 38 साल पुराने एम्पलॉई को कंपनी ने निकाला; जानिए क्या है मामला?
General Motors: साल 1986 में बर्नार्ड ने जनरल मोटर्स के साथ एक एनालिस्ट के रूप में अपना करियर शुरू किया था. और लगभग चार दशकों तक लगातार उन्होंने अलग-अलग पदों पर काम किया.
General Motors laying off workers: दुनिया की दिग्गज कंपनी जनरल मोटर्स (जीएम) ने 38 वर्षों तक कंपनी से जुड़े एक कर्मचारी को निकाल दिया है. 1986 से कंपनी से जुड़े एडम बर्नार्ड नाम के शख्स को कंपनी ने ले-ऑफ के तहत निकाला है. कंपनी ने हाल ही में दुनिया भर के लगभग एक हजार कर्मचारियों का ले-ऑफ किया है.
साल 1986 में बर्नार्ड ने जनरल मोटर्स के साथ एक एनालिस्ट के रूप में अपना करियर शुरू किया था. और लगभग चार दशकों तक लगातार उन्होंने अलग-अलग पदों पर काम किया. बर्नार्ड के मुताबिक, जनरल मोटर्स ने 15 नवंबर को सुबह 5 बजे बस एक ई-मेल के जरिये इसकी सूचना दी. कंपनी के इस रवैये खासकर सिर्फ ई-मेल से छंटनी की जाने की सूचना की कड़ी आलोचना की जा रही है.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए बर्नार्ड पिछले सत्रह वर्षों से कॉम्पिटिटर इंटेलिजेंस के एसोसिएट डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थे. इसके अलावा वह उस डिपार्टमेंट के प्रमुख भी थे जो कंपीटिशन की योजनाओं का विश्लेषण करता था.
सिर्फ एक ईमेल कर बताया
एक लिंक्डइन पोस्ट में बर्नार्ड ने लिखा, "जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी, वह हुआ. आज सुबह 5.07 बजे मुझे ईमेल के माध्यम से कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया. साथ ही (मैंने अनौपचारिक रूप से सुना है) कि वैश्विक स्तर पर लगभग 1,000 लोगों को निकाला गया है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मुझे आगे क्या करना चाहिए...?"
एक यूजर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 25 साल और सिर्फ एक ईमेल. तुम नाराज़ कैसे नहीं हो एडम?" एक अन्य यूजर ने कहा, “यह खबर मेरे लिए अविश्वसनीय है और जिस रवैये से ले-ऑफ बताया गया यह और भी जटिल है. कंपनी में आपका योगदान अतुलनीय है, और आप अपनी अगली भूमिका में एक प्रमुख एसेट होंगे."
कंपनी ने क्यों किया लेऑफ?
कंपनी से निकाले जाने के बाद बर्नार्ड ने लिंक्डइन पर लिखा कि वह अभी भी काम करना चाहते हैं. ऑटो उद्योग के प्रति अपनी रुचि को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि वह किसी भी स्थिति में इस क्षेत्र से जुड़े रहना चाहते हैं.
न्यूज़बाइट्स रिपोर्ट के अनुसार, जनरल मोटर्स ने यह निर्णय बाजार की स्थितियों में बदलाव और ऑटोमोटिव उद्योग में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण लिया है. इसके तहत कंपनी अपने स्थिर खर्चों को 2 बिलियन डॉलर तक कम करना चाहती है.