Gold Loan: बैंकों की तरफ से प‍िछले कुछ सालों में गोल्‍ड लोन देने पर ज्‍यादा से ज्‍यादा फोकस क‍िया जा रहा है. इसका असर यह हुआ क‍ि गोल्‍ड लोन लेने वालों की संख्‍या में तेजी से उछाल आया है. आरबीआई (RBI) के हाल‍िया आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल में बैंकों से म‍िलने वाले गोल्‍ड लोन में 50% से ज्‍यादा का इजाफा देखा गया, जबकि अन्य सभी पर्सनल लोन सेग्‍मेंट में कमजोर कस्‍टमर ड‍िमांड, बढ़ती महंगाई और अनसेफ लोन पर कड़ी रेग्‍युलेटरी जांच के बीच मामूली ग्रोथ देखी गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सोने के गहनों के बदले बैंक लोन में इजाफा देखा गया


बढ़ी महंगाई के बीच रेपो रेट बढ़ने से उधार की लागत में इजाफा हुआ है. क्रिसिल के चीफ इकोनॉम‍िस्‍ट धर्मकीर्ति जोशी ने कहा, घरेलू बजट प्रभावित होने से खपत में गि‍रावट आई है. एक सीन‍ियर बैंकर ने कहा कि सोने के गहनों के बदले बैंक लोन में इजाफा देखा गया. यह पहले ज्यादातर संकट के समय या आपात स्थिति के दौरान ल‍िया जाता था. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 18 अक्टूबर को खत्‍म होने वाले हफ्ते में बैंकों से मि‍लने वाले गोल्‍ड लोन में साल-दर-साल 56% की वृद्धि होकर 1.54 लाख करोड़ रुपये हो गई.


व्‍हीकल लोन का आंकड़ा भी बढ़ा
इसके मुकाबले पिछले साल इसी समय इसकी वृद्धि 13% की थी. इसके अलावा होम लोन में पिछले साल अक्टूबर के आसपास देखी गई 36% की ग्रोथ के मुकाबले मामूली 12% साल-दर-साल एक्‍सटेंशन देखा गया. व्‍हीकल लोन में वृद्धि 20% के मुकाबले 11.4% और टिकाऊ कस्‍टमर लोन में 7.6% के मुकाबले 6.6% की वृद्धि हुई. बैंकों के क्रेडिट कार्ड बकाया, जो कि अनसेफ है उसमें 28% के मुकाबले 16.9% की वृद्धि हुई.


सामान्य तौर पर बैंकों ने र‍िटेल और सर्व‍िस सेक्‍टर को लोन देने में सतर्कता बरती है. आरबीआई की मंथली इकोनॉमी र‍िपोर्ट में कहा गया कई प्राइवेट बैंकों को क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा ज्‍यादा लीवरेज वाले कस्‍टमर में इजाफा हुआ है. जोशी ने कहा, दूसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ सात तिमाही के निचले लेवल पर 5.4% पर रही. हालांकि, आरबीआई की रिपोर्ट में इसको लेकर पॉज‍िट‍िव सोच दर्शायी गई है. इसमें कहा गया कि त्योहारी सीजन की मांग ने दूसरी तिमाही में देखी गई सुस्त खपत मांग को दूर करने में मदद की है.